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जून की मासिक शिवरात्रि: दुर्लभ त्रियोग का पावन अवसर, जानें पूजन विधि और आध्यात्मिक महत्व

जून की मासिक शिवरात्रि: दुर्लभ त्रियोग का पावन अवसर, जानें पूजन विधि और आध्यात्मिक महत्व

सनातन धर्म में भगवान शिव की आराधना को सर्वोच्च माना गया है। उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का सबसे शुभ अवसर मासिक शिवरात्रि होता है, जो हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है। इस बार जून माह की मासिक शिवरात्रि 23 जून 2025 को आ रही है और खास बात यह है कि इस दिन सोमवार और प्रदोष व्रत का संयोग भी बन रहा है। इन तीनों योगों का एक साथ आना अत्यंत दुर्लभ माना जाता है।

मासिक शिवरात्रि व्रत तिथि व विशेष संयोग

  • तिथि प्रारंभ: 23 जून 2025, रात 10:10 बजे
  • तिथि समाप्ति: 24 जून 2025, रात 12:27 बजे
  • व्रत की तिथि: 23 जून, सोमवार
  • विशेष संयोग: सोमवार (शिव का दिन) + प्रदोष व्रत + मासिक शिवरात्रि = त्रिगुणित पुण्यफल

पूजा का मुहूर्त और चार पहरों का विशेष महत्व

मासिक शिवरात्रि की पूजा चार पहरों में की जाती है। प्रत्येक पहर में विशेष मंत्र और विधि के साथ भगवान शिव का पूजन किया जाता है।

  1. प्रथम पहर पूजा: शाम 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
  2. द्वितीय पहर पूजा: रात 9:00 बजे से मध्यरात्रि 12:00 बजे तक
  3. तृतीय पहर पूजा: रात 12:00 बजे से तड़के 3:00 बजे तक
  4. चतुर्थ पहर पूजा: सुबह 3:00 बजे से सूर्योदय तक

निशिथ काल की पूजा – जो सबसे अधिक प्रभावशाली मानी जाती है – इस बार रात 12:03 से 12:44 के बीच की जाएगी।

मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि

1. व्रत और संकल्प

  • सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
  • 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जाप करें।

2. शिवलिंग का अभिषेक

शिवलिंग पर सबसे पहले गंगा जल या स्वच्छ जल अर्पित करें। फिर क्रमशः दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से पंचामृत से अभिषेक करें। अंत में पुनः जल से स्नान कराएं।

3. पूजन सामग्री

  • बेलपत्र (3 पत्तियों वाला)
  • सफेद पुष्प, आक-धतूरा
  • अक्षत (चावल)
  • अबीर, गुलाल, रोली
  • धूप, दीप
  • भोग: फल, मिठाई, गुड़ या पंचामृत

4. आरती और मंत्र

  • शिवजी की आरती करें।
  • 'ॐ त्र्यम्बकं यजामहे...' या 'रुद्राष्टक' का पाठ करें।
    'ॐ नमः शिवाय' का जाप करते रहें।

5. प्रसाद वितरण

पूजन के पश्चात भोग लगाएं और परिवार व पड़ोसियों को प्रसाद बांटें।

मासिक शिवरात्रि व्रत का आध्यात्मिक लाभ

  • कुंवारी कन्याएं इस व्रत को करें तो उन्हें उत्तम वर की प्राप्ति होती है।
  • विवाहित महिलाएं पति की दीर्घायु और दांपत्य सुख के लिए यह व्रत करती हैं।
  • पुरुषों के लिए यह व्रत आत्मशुद्धि, संयम और आत्मिक शांति लाता है।
  • यह व्रत रोग, कर्ज, शोक, और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है।
  • शिव उपासना मृत्यु के भय से मुक्त करती है और मोक्ष का द्वार खोलती है।

शिव कृपा पाने के सरल उपाय 

  • सोमवार को शिव मंदिर में जल चढ़ाएं और 'ॐ सोमेश्वराय नमः' मंत्र का जाप करें।
  • शिवजी को सफेद पुष्प अर्पित करें और चावल चढ़ाएं।
  • गरीबों को सफेद वस्त्र, अन्न या गाय को हरा चारा दान करें।
  • संध्या के समय घर में दीप जलाकर शिव मंत्रों का उच्चारण करें।

जून की मासिक शिवरात्रि विशेष योग के साथ आने वाली अत्यंत शुभ तिथि है। ऐसे में इस दिन शिवपूजन का विशेष महत्व है। श्रद्धा और नियम से किया गया यह व्रत न केवल भोलेनाथ की कृपा दिलाता है, बल्कि जीवन की अनेक बाधाओं को भी दूर करता है।

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