सावन का महीना शुरू होते ही भक्तों में खास उत्साह देखने को मिलता है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है, लेकिन सावन के मंगलवार का एक और खास व्रत भी होता है जिसे मंगला गौरी व्रत कहा जाता है। साल 2025 में सावन माह का पहला मंगला गौरी व्रत 15 जुलाई, मंगलवार को रखा जाएगा। यह व्रत मुख्य रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए किया जाता है।
क्यों रखा जाता है मंगला गौरी व्रत
मंगला गौरी व्रत माता पार्वती को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन माता गौरी की उपासना करने से वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और पति की सेहत अच्छी बनी रहती है। यह व्रत विशेष रूप से नवविवाहित स्त्रियों द्वारा किया जाता है, लेकिन अन्य विवाहित महिलाएं भी इसे रख सकती हैं।
2025 में मंगला गौरी व्रत कब-कब पड़ेगा
साल 2025 में कुल चार मंगलवार सावन माह में आएंगे, जिन पर मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा:
- पहला व्रत: 15 जुलाई 2025
- दूसरा व्रत: 22 जुलाई 2025
- तीसरा व्रत: 29 जुलाई 2025
- चौथा व्रत: 5 अगस्त 2025
15 जुलाई को क्या रहेगा पंचांग
15 जुलाई 2025 को सावन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि रहेगी। यह तिथि रात 10 बजकर 38 मिनट तक प्रभावी रहेगी। साथ ही शतभिषा नक्षत्र और सौभाग्य योग भी इस दिन रहेगा, जो व्रत और पूजा के लिए शुभ माना जाता है।
मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि
मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि अत्यंत सरल और श्रद्धा से भरपूर होती है। इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करके व्रत का संकल्प लेती हैं और माता पार्वती की विधिवत पूजा करती हैं।
- सबसे पहले पूजा स्थान की सफाई करें और गंगाजल से शुद्ध करें।
- एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर मां पार्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- मां गौरी को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
- पूजा में 16 प्रकार के फल, फूल, पत्ते, मिठाई और पूजन सामग्री चढ़ाएं।
- घी का दीपक जलाकर मां की आरती करें।
- मंगला गौरी व्रत की कथा पढ़ें या सुनें।
मंगला गौरी व्रत की कथा
इस व्रत के साथ एक पौराणिक कथा जुड़ी होती है जिसमें बताया गया है कि कैसे एक गरीब ब्राह्मण की बेटी ने इस व्रत को करके अपना भाग्य बदला और सुखी दांपत्य जीवन प्राप्त किया। कहा जाता है कि मंगला गौरी व्रत की शक्ति से असंभव कार्य भी संभव हो सकते हैं।
मंदिरों में भी होगी विशेष पूजा
सावन के इस पावन महीने में देशभर के शिवालयों और देवी मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है। खासकर मंगलवार के दिन महिलाएं मंदिरों में जाकर मां गौरी का पूजन करती हैं और विधिपूर्वक व्रत रखती हैं। कई जगहों पर सामूहिक रूप से कथा का आयोजन भी होता है।
सावन में क्यों खास है मंगलवार
शास्त्रों में कहा गया है कि सावन का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। जहां सोमवार शिव जी का दिन होता है, वहीं मंगलवार माता पार्वती यानी गौरी को समर्पित होता है। इस दिन किए गए व्रत और पूजा का विशेष फल मिलता है।
व्रत रखने वाली महिलाओं की मान्यता है कि इस दिन मां गौरी की पूजा से न केवल पति की आयु बढ़ती है बल्कि संतान सुख, सौभाग्य और सुख-शांति भी प्राप्त होती है।