हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को अत्यंत पवित्र और पुण्यदायिनी तिथि माना जाता है। यह दिन दान-पुण्य, स्नान, व्रत और पूजा-पाठ के लिए बेहद शुभ होता है। इस दिन वट सावित्री व्रत का भी विशेष महत्व है, जो विवाहित स्त्रियां पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए करती हैं।
इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि विशेष ज्योतिषीय संयोग लेकर आई है, जो कुछ राशियों के जीवन में खुशहाली, तरक्की और सकारात्मक बदलाव ला सकती है। आइए जानते हैं उन 4 भाग्यशाली राशियों के बारे में जिन पर इस बार की पूर्णिमा का विशेष प्रभाव पड़ेगा।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से शुभ है। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा और रुके हुए काम पूरे होने लगेंगे। पारिवारिक जीवन में भी आनंद और तालमेल बना रहेगा।
क्या लाभ मिलेगा?
- आर्थिक उन्नति और धन लाभ
- पारिवारिक क्लेशों से मुक्ति
- प्रेम संबंधों में मजबूती
क्या करें?
- श्री विष्णु जी की पूजा करें, तुलसी में जल चढ़ाएं और सफेद चीजों का दान करें।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए यह पूर्णिमा आत्मिक शांति और मानसिक सुकून लेकर आएगी। नौकरीपेशा लोगों के लिए तरक्की के संकेत हैं, वहीं छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिल सकती है।
क्या लाभ मिलेगा?
- करियर में प्रगति
- मानसिक तनाव से राहत
- पारिवारिक संबंधों में मधुरता
क्या करें
- गाय को हरा चारा खिलाएं और पवित्र नदी में स्नान कर के दान करें।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए यह तिथि आर्थिक समृद्धि और घर-परिवार में शुभ समाचार लेकर आएगी। धन का आगमन होगा और घर में मांगलिक कार्य की संभावना बनेगी।
क्या लाभ मिलेगा?
- अचानक धन लाभ
- विवाह या सगाई के योग
- नौकरी में पदोन्नति
क्या करें?
- बच्चों को मीठा दान करें और वटवृक्ष की परिक्रमा करें।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा अध्यात्मिक उन्नति और मनोकामनाओं की पूर्ति का संकेत दे रही है। पुराने रोगों से छुटकारा मिलेगा और आर्थिक समस्याएं दूर होंगी।
क्या लाभ मिलेगा?
- स्वास्थ्य में सुधार
- मनचाहा काम बनने के योग
- आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति
क्या करें
- शिवलिंग पर जल अर्पण करें और जरूरतमंदों को पीली चीजों का दान करें।
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025 इन चार राशियों के लिए नई ऊर्जा, सौभाग्य और सुख-शांति का संचार लेकर आई है। यदि आप इन राशियों में से एक हैं तो इस शुभ तिथि का भरपूर लाभ उठाएं। दान-पुण्य करें, सेवा भाव अपनाएं और अपने इष्टदेव का स्मरण करें। इससे न केवल आपका वर्तमान सुधरेगा बल्कि भविष्य भी उज्ज्वल होगा।