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जयपुर सेंट्रल जेल से एक महीने में 40 मोबाइल बरामद, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

जयपुर सेंट्रल जेल से एक महीने में 40 मोबाइल बरामद, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

जयपुर सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर सवाल उठे हैं। एक महीने में 40 मोबाइल बरामद किए गए, जबकि हाल ही में दो कैदी दीवार फांदकर फरार हो गए थे। बार-बार की चूक ने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

जयपुर: राजधानी जयपुर की सेंट्रल जेल एक बार फिर सुरक्षा चूक को लेकर चर्चा में है। पिछले एक महीने में जेल परिसर से 40 से अधिक मोबाइल फोन बरामद किए जा चुके हैं। रविवार और सोमवार को हुई दो अलग-अलग तलाशी अभियानों में चार नए मोबाइल मिलने से जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में इसी जेल से दो कैदी दीवार फांदकर फरार हुए थे, जिससे सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खुलती जा रही है।

जेल के वार्ड नंबर दो से मोबाइल बरामद

सोमवार को हुई तलाशी कार्रवाई के दौरान जेल के वार्ड नंबर दो की बैरक नंबर दो से दो की-पैड मोबाइल बरामद हुए। इस मामले में बाड़मेर निवासी जेल प्रहरी मनोहरलाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई। वहीं, रविवार को हुई जांच में भी दो मोबाइल फोन मिले, जिनकी रिपोर्ट प्रहरी संतोष कुमार ने दर्ज कराई। अधिकारियों का कहना है कि लगातार मोबाइल मिलना इस बात का संकेत है कि जेल के अंदर कोई संगठित नेटवर्क सक्रिय है, जो इन फोन को अंदर पहुंचाने में भूमिका निभा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, मोबाइल बरामदगी की घटनाओं के बावजूद अब तक इस नेटवर्क का कोई ठोस सुराग नहीं मिल सका है। जेल प्रशासन ने इस मामले में विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं और निगरानी प्रणाली को और सख्त करने की बात कही है।

सितंबर में दो कैदी दीवार फांदकर हुए थे फरार

सितंबर महीने में जयपुर सेंट्रल जेल से दो कैदी दीवार फांदकर फरार हो गए थे। यह घटना 20 सितंबर की तड़के लगभग साढ़े तीन बजे हुई थी, जब अनस और नवल किशोर नामक दो कैदी जेल की दीवार पर लगे पाइप का सहारा लेकर बाहर निकल गए। शुरुआती जांच में सामने आया कि दोनों ने भागने की योजना पहले से बनाई थी और गार्ड की ड्यूटी में लापरवाही का फायदा उठाया।

जेल प्रशासन के मुताबिक, दोनों कैदी हाल ही में जेल में दाखिल हुए थे और अंडरट्रायल थे। इतने सख्त सुरक्षा मानकों के बावजूद उनका फरार हो जाना जेल प्रबंधन की बड़ी नाकामी माना जा रहा है। घटना के बाद प्रशासन ने गार्डों की ड्यूटी व्यवस्था में बदलाव भी किया था, लेकिन हालिया घटनाओं ने यह साबित कर दिया कि सुधार के प्रयास अभी भी अधूरे हैं।

जेल सुरक्षा तंत्र पर उठे गंभीर सवाल

एक महीने में 40 मोबाइल बरामद होना और दो कैदियों का फरार हो जाना इस बात का सबूत है कि जेल की निगरानी प्रणाली में गंभीर खामियां हैं। सूत्रों का मानना है कि मोबाइल सप्लाई का नेटवर्क जेल के अंदरूनी कर्मचारियों की मिलीभगत से संचालित हो सकता है। हालांकि, इस पर कोई अधिकारी सार्वजनिक रूप से बोलने से बच रहा है।

वरिष्ठ जेल अधिकारी ने बताया कि सभी वार्डों में अचानक तलाशी अभियान जारी रहेगा और जिन प्रहरी या कर्मचारियों पर संदेह होगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, जेल के अंदर सीसीटीवी कवरेज बढ़ाने और मोबाइल जैमर को और प्रभावी बनाने की योजना पर भी काम शुरू हो चुका है।

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