हमारे शरीर का हर अंग विशेष देखभाल चाहता है, और कान भी उनमें से एक हैं। लेकिन अफसोस की बात यह है कि हम अक्सर कानों की सफाई को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। कई लोग यह सोचते हैं कि कान खुद-ब-खुद साफ हो जाते हैं, जबकि कुछ लोग गलत तरीकों से कान में चीज़ें डालकर नुकसान पहुंचा बैठते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि आप भी कान साफ नहीं करते तो इसके क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं?
कान में मैल बनने की प्रक्रिया: जानिए इसकी भूमिका
कान में जो पीला या भूरा चिपचिपा पदार्थ बनता है, उसे 'ईयरवैक्स' या 'कान का मैल' कहते हैं। यह पूरी तरह प्राकृतिक है और इसका मुख्य कार्य कान को धूल, मिट्टी, बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक कणों से बचाना होता है। यानी ईयरवैक्स, कान के लिए एक सुरक्षात्मक कवच की तरह काम करता है। लेकिन जब यह अत्यधिक मात्रा में बनने लगे या लंबे समय तक साफ न किया जाए, तो यह कई समस्याओं की वजह बन सकता है।
कान साफ न करने पर होने वाले नुकसान
1. सुनाई देना कम हो सकता है
अगर कान में मैल एकत्र होकर जम जाए, तो यह ध्वनि तरंगों को ईयरड्रम तक पहुँचने से रोक सकता है। इससे सुनने में दिक्कत आने लगती है, और आवाज़ें धीमी या मuffled सुनाई देती हैं।
2. इंफेक्शन का खतरा
जमा हुआ मैल बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण के लिए अनुकूल माहौल बना सकता है। इससे खुजली, जलन, दुर्गंध और यहां तक कि पस (प्यूस) निकलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
3. सिरदर्द और चक्कर आना
कान में जमा मैल आंतरिक दबाव को बढ़ाता है। इसका असर संतुलन बनाए रखने वाली नसों पर पड़ता है, जिससे सिरदर्द या चक्कर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
4. कान में आवाज़ें या गुंजन (Tinnitus)
अगर मैल अत्यधिक मात्रा में हो जाए तो कान में गूंज, सिटी जैसी आवाज़ें या बजने जैसी ध्वनियाँ सुनाई देने लगती हैं, जो व्यक्ति को परेशान कर सकती हैं।
कब और कितनी बार करनी चाहिए कान की सफाई?
- सामान्य स्थिति में हर 3–6 महीने में एक बार कान की जांच और सफाई करवाना काफी है।
- अगर आपके कानों में ज्यादा ईयरवैक्स बनता है, या बार-बार खुजली और भारीपन महसूस होता है, तो महीने में एक बार विशेषज्ञ की सलाह लें।
- बच्चों और बुजुर्गों में यह प्रक्रिया और भी सतर्कता से करनी चाहिए क्योंकि उनका सुनने का सिस्टम अधिक संवेदनशील होता है।
कान साफ करने के सुरक्षित और असरदार घरेलू तरीके
1. गुनगुना नारियल या सरसों का तेल
रात में सोने से पहले कान में 2-3 बूंद हल्का गर्म तेल डालें। यह ईयरवैक्स को नरम करता है, जिससे अगली सुबह वह स्वाभाविक रूप से बाहर आ जाता है।
2. बेकिंग सोडा और पानी
थोड़े से बेकिंग सोडा को पानी में घोलें और ड्रॉपर से 1-2 बूंद कान में डालें। यह एक प्रभावी घरेलू तरीका है जो मेल को ढीला करता है।
3. स्टीम थेरेपी
गरम पानी से निकलती भाप लेने से भी कान का मेल नरम होता है। आप गर्म पानी में सिर ढंक कर भाप ले सकते हैं। यह विधि कान बंद होने पर भी राहत देती है।
4. ईयर ड्रॉप्स का उपयोग
मेडिकल स्टोर पर मिलने वाले ईयर ड्रॉप्स डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल करें। ये मेल को ढीला करके बाहर निकालने में मदद करते हैं।
क्या न करें? सावधान रहें इन बातों से
- ईयरबड्स, माचिस की तीली, पिन या कोई भी नुकीली चीज कान में डालने से बचें। इससे ईयरड्रम फटने का खतरा रहता है।
- जब भी कान में दर्द, मवाद, या सुनने में अचानक दिक्कत हो तो घरेलू उपाय न करें, सीधे डॉक्टर से संपर्क करें।
- बच्चों के कानों की सफाई बहुत नर्मी से और डॉक्टर की निगरानी में करें।
कान की सफाई को हल्के में लेना सही नहीं है। यह सिर्फ सुनने की क्षमता से नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक संतुलन से भी जुड़ा मामला है। यदि कान में मेल अधिक दिनों तक जमा रहे, तो यह कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। सही समय पर कान की देखभाल और उचित सफाई विधियां अपनाकर हम अपने कानों को स्वस्थ और क्रियाशील बनाए रख सकते हैं।