अमेरिका द्वारा भारत और पाकिस्तान को एक ही मंच पर जोड़ने को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार की विदेश नीति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। इस मामले में कांग्रेस लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी जिद छोड़ने की अपील कर रही है।
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को अमेरिका द्वारा यूएस आर्मी डे समारोह में आमंत्रित किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। पार्टी ने इसे भारत की विदेश नीति के लिए एक गंभीर पराजय और कूटनीतिक विफलता बताया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी “जिद” छोड़ने और एक सर्वदलीय बैठक व संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।
जयराम रमेश ने साधा निशाना
कांग्रेस महासचिव और वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से कहा कि पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष को अमेरिका के एक अहम सैन्य आयोजन में बुलाया जाना भारत के लिए एक कड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ प्रतीकात्मक आमंत्रण नहीं है, बल्कि भारत की विदेश नीति और रणनीतिक सोच पर सवालिया निशान है।
उन्होंने कहा, आसिम मुनीर वही व्यक्ति हैं जिन्होंने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले से कुछ ही दिन पहले भड़काऊ और भारत विरोधी बयान दिए थे। ऐसे व्यक्ति को अमेरिका जैसे भारत के सहयोगी द्वारा निमंत्रण दिया जाना चिंता का विषय है।
अमेरिका से लगातार मिल रहे हैं झटके: कांग्रेस
जयराम रमेश ने आगे कहा कि भारत की अमेरिकी नीति को पिछले कुछ महीनों में तीन बड़े झटके लगे हैं, जिन पर अब सरकार को सफाई देनी चाहिए:
- जनरल माइकल कुरिल्ला का बयान: अमेरिका के सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को “आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय और शानदार सहयोगी” बताया। कांग्रेस के अनुसार, यह बयान भारत के हितों के प्रतिकूल है, खासकर जब पाकिस्तान पर आतंक को बढ़ावा देने के आरोप वर्षों से लगते रहे हैं।
- आसिम मुनीर को यूएस आर्मी डे का आमंत्रण: यह आमंत्रण ऐसे समय में दिया गया है जब भारत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है। कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि क्या अमेरिका भारत की चिंताओं को गंभीरता से ले रहा है?
- अमेरिकी विदेश विभाग का विवादित बयान: रमेश ने तीसरे झटके का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बार फिर कहा कि भारत-पाक संघर्ष विराम “राष्ट्रपति ट्रंप की मध्यस्थता” से संभव हो पाया था। कांग्रेस का कहना है कि यह बयान भारत की संप्रभुता और आत्मनिर्भर विदेश नीति की भावना के खिलाफ है।
संसद का विशेष सत्र और सर्वदलीय बैठक की मांग
कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि वे अब मौन नीति छोड़ें और देश के समक्ष इन मुद्दों पर स्पष्ट स्थिति रखें। पार्टी ने मांग की है कि एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए जिसमें सभी राजनीतिक दल मिलकर इस घटनाक्रम पर चर्चा कर सकें। साथ ही, संसद का विशेष सत्र आयोजित किया जाए ताकि भारत की विदेश नीति को लेकर एक नया और ठोस रोडमैप बनाया जा सके।
कांग्रेस का कहना है कि जब भारत में एक तरफ आतंकवादी हमलों को अंजाम देने वाले संगठनों को पाकिस्तान से समर्थन मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर उन्हीं के सेना प्रमुख को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सम्मान मिलना भारत के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
विदेश मंत्रालय से भी मांगा जवाब
कांग्रेस नेताओं ने यह भी पूछा है कि इस पूरे घटनाक्रम पर भारत के विदेश मंत्रालय की क्या प्रतिक्रिया है? क्या भारत सरकार ने अमेरिकी पक्ष से कोई आधिकारिक आपत्ति जताई है या यह सब चुपचाप सह लिया जा रहा है? पार्टी ने यह भी कहा कि भारतीय कूटनीति की यह चुप्पी आने वाले समय में देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए नुकसानदेह हो सकती है।