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Karnataka Politics: सिद्दरमैया के संन्यास की बढ़ीं अटकलें, बेटे यतींद्र ने कैबिनेट सहयोगी को मार्गदर्शन देने की कही बात

Karnataka Politics: सिद्दरमैया के संन्यास की बढ़ीं अटकलें, बेटे यतींद्र ने कैबिनेट सहयोगी को मार्गदर्शन देने की कही बात

कर्नाटक कांग्रेस में सियासी हलचल तेज हो गई है। सिद्दरमैया के बेटे यतींद्र ने कहा कि उनके पिता अब अपने अनुभव से जारकीहोली को मार्गदर्शन दें। इससे पार्टी में दो खेमों की चर्चा और अटकलें बढ़ गई हैं।

Karnataka Politics: कर्नाटक की राजनीति में इन दिनों नेतृत्व परिवर्तन और पार्टी अंदरूनी हलचल की चर्चाओं ने तेज़ रफ्तार पकड़ी है। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया के बेटे यतींद्र ने बड़ा बयान दिया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ दी है। यतींद्र ने कहा कि उनके पिता अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में हैं और अब उन्हें अपने कैबिनेट सहयोगी सतीश जारकीहोली (Satish Jarkiholi) का मार्गदर्शन करना चाहिए। इस बयान के बाद कांग्रेस में दो खेमों की चर्चा और भी जोर पकड़ने लगी है।

सिद्दरमैया के बेटे यतींद्र का बयान

यतींद्र ने स्पष्ट किया कि उनके पिता सिद्दरमैया अब अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि सिद्दरमैया का अनुभव और मार्गदर्शन जारकीहोली जैसे नेताओं के लिए उपयोगी हो सकता है। इस बयान ने राजनीतिक विशेषज्ञों और जनता दोनों में ही उत्सुकता बढ़ा दी है कि क्या सिद्दरमैया सचमुच राजनीति से संन्यास लेने का विचार कर रहे हैं या यह केवल रणनीतिक बयान है।

यतींद्र ने कहा, ‘‘मेरे पिता अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में हैं। अब उन्हें अपने अनुभव और मार्गदर्शन का लाभ अपने कैबिनेट सहयोगी सतीश जारकीहोली जैसे नेताओं को देना चाहिए।’’ इस बयान ने कांग्रेस में नेताओं के बीच नई सियासी हलचल पैदा कर दी है।

सिद्दरमैया का खुद का खंडन

हालांकि इससे पहले सिद्दरमैया ने खुद स्पष्ट किया था कि वे मुख्यमंत्री पद पांच साल के पूरे कार्यकाल तक निभाएंगे। उन्होंने कहा था, ‘‘मैं पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री रहूंगा और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के लिए पद छोड़ने की कोई योजना नहीं है।’’ इसके बावजूद, उनके बेटे के बयान ने राजनीतिक अटकलों को और हवा दे दी है।

कांग्रेस में दो खेमों की चर्चा

कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व और सत्ता को लेकर लंबे समय से दो खेमों की चर्चा रही है। एक खेमे का समर्थन सिद्दरमैया के पक्ष में है जबकि दूसरा खेमा डीके शिवकुमार के साथ है। लोक निर्माण विभाग के मंत्री सतीश जारकीहोली मुख्य रूप से सिद्दरमैया खेमे का समर्थन करते दिख रहे हैं। यतींद्र के बयान ने इस खींचतान को और जटिल बना दिया है और पार्टी में यह संदेश गया कि सत्ता और नेतृत्व सिद्दरमैया के नियंत्रण में ही रहना चाहिए।

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