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कौन हैं रितु जायसवाल? आरजेडी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली 'मुखिया दीदी' का राजनीतिक सफर

कौन हैं रितु जायसवाल? आरजेडी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली 'मुखिया दीदी' का राजनीतिक सफर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीतामढ़ी की सियासत में अचानक हलचल मच गई है। पार्टी के टिकट बंटवारे को लेकर नाराज नेताओं में सबसे चर्चित नाम है रितु जायसवाल का। रितु ने खुलकर आरजेडी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में बड़ा बवाल मचा हुआ है। पार्टी के कई नेता टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं। कुछ नेता बागी हो गए और निर्दलीय रूप से अपना नामांकन भर दिया। इनमें सबसे चर्चित महिला नेता रितु जायसवाल ने खुलेआम RJD के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 

सीतामढ़ी की परिहार सीट से निर्दलीय कैंडिडेट रितु जायसवाल नामांकन के बाद हुई सभा में फूट-फूटकर रोने लगीं। रितु जायसवाल ने कार्यकर्ताओं से भावुक अपील की और लालू यादव व तेजस्वी यादव से भी समर्थन मांगा। 

नामांकन के दौरान भावुक प्रदर्शन

रितु जायसवाल ने अपने नामांकन के आखिरी दिन पर्चा दाखिल किया। इस दौरान वह बेहद भावुक नजर आईं और सभा में फूट-फूटकर रो पड़ीं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए लालू यादव और तेजस्वी यादव से समर्थन मांगा और भविष्यवाणी की कि परिहार से आरजेडी की आधिकारिक उम्मीदवार की जीत मुश्किल है। रितु ने कहा, आरजेडी की कैंडिडेट परिहार से जीतने नहीं जा रही है।” उनके इस कदम ने स्थानीय सियासत में नई बहस और हलचल पैदा कर दी है।

रितु जायसवाल 2020 में परिहार सीट से आरजेडी की उम्मीदवार रह चुकी हैं। उस चुनाव में उन्होंने बेहद कम अंतर से हार का सामना किया था। इस बार जब पार्टी ने उन्हें बेटिकट कर दिया, तो रितु ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। पार्टी ने उन्हें बेलसंड से चुनाव लड़ने का विकल्प दिया था, लेकिन रितु ने परिहार से ही चुनाव लड़ने पर अड़ान बनाई। उनका मानना है कि यह सीट उनकी जनता की सेवा और क्षेत्र के प्रति उनका कर्तव्य है।

मुखिया दीदी के रूप में योगदान

रितु जायसवाल का जन्म 1 मार्च 1977 को हाजीपुर (वैशाली) में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया के रूप में की थी। ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उनके कार्यों को देखते हुए उन्हें 'मुखिया दीदी' कहा जाने लगा। उनके पति अरुण कुमार, पूर्व सिविल सेवक (IAS) रह चुके हैं। उन्होंने भी सरकारी सेवा से इस्तीफा देकर शिक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में काम किया। वर्तमान में वे मुफ्त कोचिंग और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में छात्रों की मदद कर रहे हैं।

मुखिया के रूप में रितु ने शिक्षा, सड़क, जल-निकासी, स्वच्छता और महिला स्वावलंबन जैसे क्षेत्रों में कई सफल योजनाएं चलाईं। उनकी पंचायत को ग्रामीण विकास का मॉडल पंचायत बनाया गया। इन उपलब्धियों ने उन्हें क्षेत्र में मजबूत जनाधार और लोकप्रियता दिलाई।

चुनावी इतिहास

रितु ने दो बार विधानसभा चुनाव में हार का सामना किया है।

  • 2020: परिहार सीट से आरजेडी की उम्मीदवार, केवल 1549 वोटों से हार।
  • 2024 लोकसभा चुनाव: शिवहर सीट से आरजेडी उम्मीदवार, जेडीयू प्रत्याशी लवली आनंद से हार।
  • इन चुनावों में लगातार मजबूत प्रदर्शन करने के बाद उन्होंने अपने क्षेत्र में प्रभावी जनाधार बनाया।

रितु जायसवाल आरजेडी महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष हैं। 19 अक्टूबर को पार्टी ने परिहार सीट से स्मिता पूर्वे को टिकट दिया, जिससे रितु ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, परिहार को छोड़कर किसी अन्य क्षेत्र से चुनाव लड़ना मेरी आत्मा को स्वीकार नहीं। यह फैसला आसान नहीं है, लेकिन यह मेरे मन की आवाज और परिहार की जनता की भावना है।

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