लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी (आर्मी सिग्नल कोर) भारतीय सेना की पहली महिला हैं जिन्होंने एक्सरसाइज फोर्स 18 में टुकड़ी का नेतृत्व किया। इससे पहले, 2006 में कांगो में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में काम किया था।
Operation Sindoor: कर्नल सोफिया कुरैशी, भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी हैं जिन्होंने एक्सरसाइज फोर्स 18 नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व किया। यह अभ्यास भारत द्वारा आयोजित अब तक का सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास है। सोफिया ने अपनी शानदार सेवाओं से न केवल भारतीय सेना का नाम रोशन किया है, बल्कि उन्होंने 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में भी अहम भूमिका निभाई थी। उनका मुख्य कार्य संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना था।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी की तारीफ
वर्ष 2020 में, सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय सेना में महिला सैन्य अफसरों के लिए स्थायी कमीशन की मंजूरी दी और इस ऐतिहासिक फैसले में कर्नल सोफिया कुरैशी की सेवा को विशेष रूप से सराहा। अदालत ने महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन की सुविधा का विरोध करने वाली केंद्र सरकार के तर्क को खारिज करते हुए सोफिया समेत अन्य महिला अधिकारियों की अनुकरणीय सेवा को उजागर किया। उनका नाम पहले स्थान पर लिया गया था, जो उनकी बहादुरी और योगदान को मान्यता देता है।
कर्नल सोफिया कुरैशी की अद्वितीय उपलब्धियां
कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम भारतीय सेना की महिला अफसरों में अग्रणी है। एक्सरसाइज फोर्स 18 के नेतृत्व में सोफिया ने अपनी सेना को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। इसके अलावा, 2006 में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के अभियान का हिस्सा बनने से लेकर विभिन्न अन्य सैन्य अभियानों में उनका योगदान अद्वितीय रहा है। सोफिया के इन कार्यों ने उन्हें न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख सैन्य अधिकारी बना दिया।
गुजरात की बेटी सोफिया के पराक्रम पर गर्व
कर्नल सोफिया कुरैशी के पिता ताजुद्दीन कुरैशी और माता अलीमा ने अपनी बेटी की उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त किया। उनका कहना है कि सोफिया बचपन से ही सेना के पराक्रम की कहानियां सुनती थी और आज वही खुद एक महान सैन्य अधिकारी बनकर सामने आई है।
ताजुद्दीन कुरैशी ने पाकिस्तान को "गंदा देश" बताते हुए कहा कि भारत ने सही कदम उठाया है और पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना के एक्शन को सही ठहराया। उनका कहना है कि भारत जल्द ही जम्मू और कश्मीर को पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त कराएगा।
कर्नल सोफिया कुरैशी की परिवारिक प्रेरणा
कर्नल सोफिया के पिता ताजुद्दीन ने बताया कि एक समय सोफिया ने कहा था कि परिवार में कोई भी सेना में नहीं है, तो क्यों न वह इस दिशा में कदम बढ़ाए। उनके भाई और भतीजी भी सेना में शामिल होने की सोच रहे हैं। सोफिया का बेटा समीर वायुसेना में भर्ती की तैयारी कर रहा है, और उनकी भतीजी सायरा भी सेना में शामिल होने का सपना देखती है।
शिक्षा और सैन्य सेवा का सफर
कर्नल सोफिया की प्रारंभिक शिक्षा मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में हुई, बाद में उन्होंने वडोदरा के केंद्रीय विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। सोफिया ने एमएस विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में बायोकेमिस्ट्री में पोस्टग्रेजुएट करने के बाद पीएचडी की योजना बनाई। हालांकि, 1999 में शार्ट सर्विस कमीशन के माध्यम से सेना में भर्ती होकर उन्होंने अपनी सैन्य सेवा की शुरुआत की।