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₹327 करोड़ की कमाई देने वाली यूनिट बंद! जानिए Borosil Renewables का पूरा मामला

₹327 करोड़ की कमाई देने वाली यूनिट बंद! जानिए Borosil Renewables का पूरा मामला

कंपनी की दिवालिया हो चुकी जर्मन यूनिट और उसकी सब्सिडियरी में अब तक लगभग ₹350 करोड़ का निवेश किया जा चुका था। ताजा जानकारी के अनुसार, इस यूनिट के बंद होने से कंपनी को हर महीने होने वाला लगभग ₹9 करोड़ का नकद नुकसान अब नहीं उठाना पड़ेगा। 

शेयर बाजार में सोमवार सुबह Borosil Renewables Limited के शेयरों में हलचल देखी गई। कंपनी की ओर से आई एक बड़ी खबर ने निवेशकों का ध्यान खींचा। जानकारी के मुताबिक, Borosil Renewables की जर्मनी स्थित सब्सिडियरी कंपनी GMB Glasmanufaktur Brandenburg GmbH ने जर्मन अदालत में दिवालियापन के लिए आवेदन दायर कर दिया है। इस घटनाक्रम के बाद कंपनी के स्टॉक्स में 3 प्रतिशत तक की तेजी देखी गई।

जनवरी से बंद पड़ा था प्रोडक्शन प्लांट

इस जर्मन यूनिट में जनवरी 2025 से ही उत्पादन पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। इसकी वजह यूरोपीय बाजारों में सोलर ग्लास की मांग में गिरावट बताई गई थी। कंपनी ने पहले ही संकेत दिए थे कि यूरोप में सस्ते चीनी सोलर पैनलों की भारी डंपिंग के कारण स्थानीय कंपनियों पर दबाव बढ़ गया है। GMB की हालत भी ऐसी ही बन गई थी, जब मांग घटने और लागत बढ़ने के चलते इसका संचालन घाटे में जाने लगा।

₹350 करोड़ का निवेश डूबने की आशंका

Borosil Renewables ने इस जर्मन यूनिट और इसकी सब्सिडियरी कंपनी में करीब ₹350 करोड़ का निवेश किया था। अब जबकि कंपनी दिवालियापन की प्रक्रिया में चली गई है, तो इस निवेश पर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि, कंपनी का यह भी कहना है कि इस यूनिट के बंद होने से हर महीने ₹9 करोड़ तक के नकद नुकसान पर भी रोक लग जाएगी। यह नुकसान लंबे समय से कंपनी के बैलेंस शीट पर बोझ बनता जा रहा था।

अब इस यूनिट के वित्तीय और परिचालन से जुड़े फैसले एक एडमिनिस्ट्रेटर की देखरेख में लिए जाएंगे। इसका मतलब है कि GMB के खर्च, देनदारियां और नकदी प्रवाह को अदालत द्वारा नियुक्त व्यक्ति के माध्यम से संभाला जाएगा।

कंपनी की कमाई में बड़ा हिस्सा था इस यूनिट का

GMB Glasmanufaktur Brandenburg GmbH का कारोबार Borosil Renewables की कुल कमाई में अहम भूमिका निभाता था। वित्त वर्ष 2025 में इस जर्मन यूनिट की कुल आय ₹327 करोड़ रही, जो कंपनी की कुल आय का लगभग 22 प्रतिशत हिस्सा थी। हालांकि, यह यूनिट लाभ में नहीं थी और लगातार घाटे में चल रही थी।

घाटे में चल रही इस विदेशी यूनिट ने कंपनी की लाभप्रदता को लगातार प्रभावित किया। कंपनी प्रबंधन की मानें तो इस फैसले से उसकी वित्तीय स्थिति में सुधार की उम्मीद है, क्योंकि घाटे वाली यूनिट से अब किसी तरह का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।

शेयर बाजार में दिखी हलचल

सोमवार को जब यह खबर सामने आई, तो बाजार में इसकी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। शुरुआती घंटे में Borosil Renewables के शेयरों में करीब 3 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। हालांकि शुक्रवार को कंपनी के स्टॉक्स 0.9 प्रतिशत की गिरावट के साथ ₹495.55 पर बंद हुए थे। पूरे साल की बात करें तो अब तक इस शेयर में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट देखी जा चुकी है और यह अपने 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर ₹643.9 से काफी नीचे ट्रेड कर रहा है।

भारत में कारोबार पर बढ़ेगा फोकस

Borosil Renewables ने अब अपना पूरा ध्यान भारतीय बाजार पर केंद्रित करने का निर्णय लिया है। कंपनी का मानना है कि भारत में सोलर ग्लास इंडस्ट्री में अपार संभावनाएं हैं। मौजूदा समय में देश में सोलर एनर्जी को लेकर सरकार की नीतियां भी सकारात्मक हैं और मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में कंपनी अब अपने संसाधनों को घरेलू बाजार में लगाने की योजना पर काम कर रही है।

कंपनी प्रबंधन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह कदम उनकी दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है। इसका उद्देश्य संसाधनों का बेहतर उपयोग करना और भारतीय बाजार में कंपनी की स्थिति को और मजबूत बनाना है। इसके तहत आने वाले समय में घरेलू उत्पादन, वितरण और मार्केटिंग पर ज्यादा ध्यान देने की तैयारी है।

विदेशी इकाई के झटके के बाद नया रोडमैप

GMB के दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब कंपनी की रणनीति में बदलाव साफ नजर आ रहा है। विदेशी विस्तार की जगह अब कंपनी घरेलू संभावनाओं को भुनाने की ओर बढ़ रही है। भारत में सोलर एनर्जी की मांग बढ़ने और सरकारी योजनाओं से मिल रहे समर्थन के चलते Borosil Renewables अपनी स्थिति को दोबारा मजबूत करने की कोशिश में है।

इस दिशा में कंपनी द्वारा किए गए कदमों में उत्पादन क्षमता बढ़ाने, लागत को नियंत्रण में लाने और नई तकनीकों के इस्तेमाल पर भी फोकस किया जा रहा है। कंपनी चाहती है कि वह भारतीय सोलर ग्लास मार्केट में अपनी पकड़ को और भी मजबूत बनाए, जहां पहले से ही उसका अच्छा-खासा हिस्सा है। 

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