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कुणाल कामरा की फिर बढ़ी मुश्किलें, जल्द होगी विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई, जानिए क्या है पूरा मामला?

कुणाल कामरा की फिर बढ़ी मुश्किलें, जल्द होगी विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई, जानिए क्या है पूरा मामला?

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को निशाना बनाकर बनाए गए पैरोडी गाने को लेकर स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन (Breach of Privilege) की कार्यवाही जल्द शुरू की जाएगी।

Comedian Kunal Kamra: स्टैंड-अप कॉमेडी के मंच से राजनीतिक व्यंग्य करना अब कॉमेडियन कुणाल कामरा को भारी पड़ता नजर आ रहा है। महाराष्ट्र की सियासत के केंद्र में एक बार फिर वही नाम गूंज रहा है, जो अपने तीखे अंदाज़, राजनीतिक कटाक्ष और खुली आलोचना के लिए पहचाना जाता है—कुणाल कामरा। इस बार कामरा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर एक पैरोडी गाने के जरिए विवादों में घिर गए हैं। 

इस गाने को लेकर अब उनके खिलाफ राज्य विधान परिषद में विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू होने जा रही है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी के विधायकों और परिषद के अध्यक्ष ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नोटिस प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है।

क्या है पूरा मामला?

मार्च 2025 में महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भाजपा विधायक प्रवीण दारकर ने विधान परिषद में एक नोटिस दाखिल किया था, जिसमें कुणाल कामरा और शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता सुषमा अंधारे को विशेषाधिकार हनन का दोषी ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी। इस पूरे विवाद की जड़ में वह पैरोडी गाना है, जिसे कुणाल ने अपने स्टैंड-अप शो के दौरान प्रस्तुत किया था। 

गाने में सीधे-सीधे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम नहीं लिया गया था, लेकिन व्यंग्यात्मक अंदाज में प्रस्तुत इस गाने को शिंदे समर्थकों ने अपमानजनक बताया। इस पर राज्य भर में विरोध प्रदर्शन हुए और मुंबई के उस वेन्यू पर तोड़फोड़ भी की गई, जहां यह शो फिल्माया गया था।

विशेषाधिकार समिति की कार्रवाई

महाराष्ट्र विधान परिषद के अध्यक्ष राम शिंदे ने यह मामला विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया है। समिति के अध्यक्ष भाजपा एमएलसी प्रसाद लाड ने पुष्टि की है कि कुणाल कामरा और सुषमा अंधारे को नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लाड ने मीडिया से बातचीत में कहा, यह मामला केवल एक कलाकार के मज़ाक का नहीं है, बल्कि यह राज्य के वरिष्ठ पदों पर बैठे जनप्रतिनिधियों की गरिमा और संवैधानिक पद की प्रतिष्ठा से जुड़ा है। इस पर चर्चा करने के बाद हम कार्यवाही आगे बढ़ा रहे हैं।

यह पहली बार नहीं है जब कुणाल कामरा राजनीतिक विवादों में घिरे हों। उनका नाम पहले भी कई बार चर्चा में आ चुका है—और अक्सर अपने विवादित बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से। 2020 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करने वाला ट्वीट किया था, जिससे अवमानना का मामला सामने आया।

अर्नब गोस्वामी से एयर इंडिया की एक फ्लाइट में भिड़ने के चलते उन्हें कुछ समय के लिए फ्लाइट से बैन भी कर दिया गया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मॉर्फ्ड वीडियो भी साझा किया था, जिसमें एक बच्चे के गाने की जगह पर ‘महंगाई डायन खाए जात है’ गाना जोड़ा गया था।

क्या कह रहे हैं राजनीतिक विश्लेषक?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि ये मामला सिर्फ हास्य-व्यंग्य और फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन तक सीमित नहीं है। मौजूदा राजनीतिक वातावरण में ऐसे व्यंग्य को सीधा हमला माना जा रहा है, खासकर तब जब वह किसी सत्तारूढ़ नेता को निशाना बनाता हो। विधान परिषद में विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही सामान्यतः गंभीर मामलों में की जाती है, जब यह महसूस हो कि किसी सदस्य की संवैधानिक गरिमा या अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। अब देखना यह होगा कि समिति कामरा को माफ करती है, चेतावनी देती है, या फिर उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कदम उठाए जाते हैं।

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