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Ax-04 मिशन को मिली नई उड़ान, 19 जून को शुभांशु शुक्ला जाएंगे अंतरिक्ष

Ax-04 मिशन को मिली नई उड़ान, 19 जून को शुभांशु शुक्ला जाएंगे अंतरिक्ष

फाल्कन 9 रॉकेट में तकनीकी गड़बड़ी के चलते टले Ax-04 मिशन की नई तारीख 19 जून तय हुई है। ISRO, SpaceX और Axiom Space की टीम ने लीक को ठीक किया, शुभांशु शुक्ला मिशन का हिस्सा होंगे।

Shubhanshu's Space Mission: भारत के पहले गगनयात्री शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। अब यह मिशन 19 जून 2025 को लॉन्च होगा। पहले यह मिशन 10 जून को होना था, लेकिन फाल्कन 9 रॉकेट में तकनीकी खामी के चलते इसे टाल दिया गया था। इस मिशन को ISRO, Axiom Space और SpaceX मिलकर संचालित कर रहे हैं।

फाल्कन 9 रॉकेट की तकनीकी खामी अब दूर

10 जून 2025 को होने वाला Ax-04 मिशन तकनीकी कारणों से टालना पड़ा था। स्पेसX के फाल्कन 9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन (LOX) लीक की समस्या सामने आई थी, जिससे लॉन्च से पहले ही मिशन को रोकना पड़ा।

SpaceX, Axiom Space और ISRO के इंजीनियरों ने इस खामी की गंभीरता से जांच की और रॉकेट के बूस्टर को पूरी तरह से ठीक कर लिया गया है। अब सभी तकनीकी परीक्षणों को सफलता पूर्वक पूरा किया जा चुका है और रॉकेट लॉन्च के लिए तैयार है।

Zvezda मॉड्यूल में दबाव असमानता की जांच

Ax-04 मिशन से पहले एक और बड़ी चुनौती Zvezda सर्विस मॉड्यूल में सामने आई, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) का हिस्सा है। रूस के इस मॉड्यूल में एक दबाव असामान्यता पाई गई थी।

Axiom Space और NASA की टीम मिलकर इस तकनीकी गड़बड़ी की जांच कर रही है। अब तक की जांच में कोई गंभीर खतरा नहीं मिला है, लेकिन मिशन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर पहलू की गहन जांच जारी है।

19 जून को तय हुई नई लॉन्च डेट

Axiom Space ने पुष्टि की है कि अब Ax-04 मिशन 19 जून 2025 को लॉन्च होगा। लॉन्च अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित Kennedy Space Center से किया जाएगा। इस मिशन में शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्री ISS की ओर रवाना होंगे।

मिशन के दौरान फाल्कन 9 रॉकेट और स्पेसX का ड्रैगन कैप्सूल इस्तेमाल किया जाएगा। शुभांशु शुक्ला भारत के पहले गगनयात्री होंगे जो इस प्राइवेट मिशन का हिस्सा बनेंगे।

मिशन का उद्देश्य और वैज्ञानिक प्रयोग

Ax-04 मिशन का मकसद केवल अंतरिक्ष यात्रा नहीं है, बल्कि इस मिशन के जरिए कई वैज्ञानिक प्रयोग भी किए जाएंगे। इनमें माइक्रोग्रैविटी पर मानव शरीर की प्रतिक्रिया, मेडिकल टेक्नोलॉजी का परीक्षण, और स्पेस फार्मिंग जैसे विषयों पर अध्ययन शामिल हैं।

Axiom Space का यह मिशन निजी स्पेस फ्लाइट्स की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इसमें भारत की तकनीकी भागीदारी भी गौरव का विषय है।

ISRO की भूमिका

ISRO इस मिशन में तकनीकी सलाह और प्रशिक्षण की भूमिका निभा रहा है। शुभांशु शुक्ला को गगनयान मिशन के लिए तैयार किया गया था, और अब वह Axiom Space के इस मिशन का हिस्सा बनकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

ISRO के चेयरमैन ने कहा कि यह मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक है और इससे आने वाले वर्षों में भारत की स्पेस क्षमताएं और भी मजबूत होंगी।

चुनौतियां और समाधान

Ax-04 मिशन की राह आसान नहीं रही। पहले मई में खराब मौसम के चलते देरी हुई, फिर जून में तकनीकी समस्या सामने आई। लेकिन सभी एजेंसियों ने मिलकर समस्याओं को हल किया और अब मिशन लॉन्च के लिए तैयार है।

SpaceX की टीम ने कहा कि लॉन्च से पहले सभी जरूरी मानकों और सेफ्टी चेक्स को पूरा कर लिया जाएगा। रेंज की उपलब्धता और मौसम की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

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