कांग्रेस ने विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान विधान भवन का घेराव करने का ऐलान किया था। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को हिरासत में ले लिया।

UP News: लखनऊ में कांग्रेस ने विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान विधान भवन का घेराव करने का ऐलान किया था, जिससे पुलिस और प्रशासन पहले से ही सतर्क थे। प्रदेश के विभिन्न जिलों से बुलाए गए कार्यकर्ताओं ने राजधानी में प्रदर्शन शुरू किया, जिसके बाद पुलिस ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना शुरू कर दिया।
कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी

विधान भवन की ओर बढ़ते हुए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। विधानसभा के गेट नंबर 9 के पास प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ता कोनार्क दीक्षित को भी हिरासत में लिया गया।
मुख्यालय के बाहर कड़ी सुरक्षा

कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। बैरिकेडिंग लगाई गई, जिसमें नुकीले भाले वाली बैरिकेडिंग भी शामिल थी। इस पर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने आरोप लगाया कि सरकार आंदोलनकारियों को रोकने के लिए खतरनाक तरीके अपना रही है। उन्होंने इसे कार्यकर्ताओं की हत्या की साजिश करार दिया।
लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन

अजय राय ने कहा कि पुलिस कार्यकर्ताओं और नेताओं को डराने-धमकाने की कोशिश कर रही है। कई जिलों में नेताओं और कार्यकर्ताओं को नोटिस देकर घरों में नजरबंद कर दिया गया। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों का खुला उल्लंघन बताते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां सरकार की तानाशाही मानसिकता को दर्शाती हैं।
घेराव के पीछे मकसद

अजय राय ने कहा कि कांग्रेस बिजली के निजीकरण, बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर विधान भवन के घेराव के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की नीतियों और तानाशाही रवैये के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी आवाज बुलंद करेंगे।
कार्यकर्ताओं का हौसला बरकरार

पुलिस की सख्ती और प्रशासन की बंदिशों के बावजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हौसला नहीं खोया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ऐलान किया कि हर स्थिति में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा और आम जनता के मुद्दों को सदन और सड़कों पर उठाया जाएगा।
सरकार और कांग्रेस के बीच इस टकराव ने लखनऊ में राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस आंदोलन का क्या असर पड़ता है।













