महाराष्ट्र सरकार ने प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के कार्य घंटे 9 से बढ़ाकर 10 कर दिए। ओवरटाइम सीमा 144 घंटे होगी और वेतन दोगुना मिलेगा। सरकार का दावा है कि इससे निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अवसर खुलेंगे।
Mumbai: महाराष्ट्र सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के कार्य समय को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब तक कर्मचारियों को एक दिन में अधिकतम 9 घंटे काम करना होता था, लेकिन नए नियम लागू होने के बाद उन्हें 10 घंटे तक काम करना होगा। राज्य सरकार का कहना है कि यह बदलाव सिर्फ काम के घंटे बढ़ाने के लिए नहीं है, बल्कि इसके पीछे निवेश को आकर्षित करने, रोजगार के नए अवसर पैदा करने और श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा का उद्देश्य भी है। सरकार का मानना है कि जब उद्योगों को ज्यादा लचीलापन मिलेगा तो निवेश बढ़ेगा और इससे सीधा फायदा रोजगार के रूप में लोगों को मिलेगा।
कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला
इस बड़े बदलाव को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। बैठक में फैक्ट्री अधिनियम 1948 और महाराष्ट्र दुकान एवं स्थापना अधिनियम 2017 में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे कैबिनेट की ओर से हरी झंडी दे दी गई। अब इन संशोधनों के बाद प्राइवेट कंपनियों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों से काम के घंटों को बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार का कहना है कि यह फैसला लंबे समय से विचाराधीन था और अब इसे लागू करने से कारोबार को और आसान बनाया जा सकेगा।
किन कर्मचारियों पर लागू होंगे नए नियम
सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि नए नियम उन कंपनियों और प्रतिष्ठानों पर लागू होंगे जहां 20 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं। वहीं, जिन संस्थानों में 20 से कम कर्मचारी हैं उन्हें अब पंजीयन प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें केवल एक सूचना प्रक्रिया के तहत संबंधित विभाग को जानकारी देनी होगी। इस बदलाव के बाद छोटे कारोबारियों और उद्यमियों को थोड़ी राहत मिलेगी, जबकि बड़े उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों को अतिरिक्त घंटे देने होंगे।
काम और आराम के नए नियम
नए प्रावधानों के तहत अब कर्मचारियों को प्रतिदिन 9 घंटे के बजाय 10 घंटे काम करना होगा। फैक्ट्री अधिनियम के अनुसार प्रतिदिन काम की अधिकतम सीमा 12 घंटे तय की गई है। पहले कर्मचारियों को लगातार 5 घंटे काम करने के बाद आराम करने का अवसर मिलता था, लेकिन अब यह समय बढ़ाकर 6 घंटे कर दिया गया है। यानी कर्मचारियों को 6 घंटे काम करने के बाद ही ब्रेक मिलेगा। यह बदलाव उद्योगों की मांग और उत्पादन क्षमता को देखते हुए किया गया है।
ओवरटाइम की शर्तें
कर्मचारियों के लिए ओवरटाइम के नियमों में भी बदलाव किया गया है। पहले ओवरटाइम की सीमा 115 घंटे प्रति तिमाही थी, जिसे अब बढ़ाकर 144 घंटे कर दिया गया है। इसी तरह दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत ओवरटाइम की सीमा 125 से बढ़ाकर 144 घंटे की गई है। आपातकालीन परिस्थितियों में कर्मचारियों को एक दिन में 12 घंटे तक काम करना पड़ सकता है। हालांकि, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि ओवरटाइम तभी होगा जब कर्मचारी उसकी लिखित सहमति देंगे। इसके साथ ही ओवरटाइम का वेतन दोगुना दिया जाएगा, ताकि श्रमिकों को उनके अतिरिक्त परिश्रम का उचित मूल्य मिल सके।
अन्य राज्यों में पहले ही लागू
महाराष्ट्र अब उन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है जिन्होंने पहले ही काम के घंटे बढ़ाने के लिए नियमों में संशोधन किया है। इनमें तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्य शामिल हैं। वहां पहले ही 10 से 12 घंटे तक काम के नियम लागू किए जा चुके हैं। महाराष्ट्र सरकार का मानना है कि अगर राज्य को निवेश और उद्योगों की दौड़ में आगे रहना है, तो उसे भी समान सुधार करने होंगे।
कब लागू होंगे नए नियम
कैबिनेट की मंजूरी के बाद इन संशोधनों को लागू करने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है। आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में सभी प्राइवेट कर्मचारियों को 9 घंटे की जगह 10 घंटे काम करना होगा। सरकार को उम्मीद है कि यह कदम राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा।