महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल तेज। राज ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की हालिया मुलाकात ने अफवाहों को जन्म दिया। मुलाकात नगर नियोजन और शहर विकास पर आधारित बताई गई। अजित पवार ने इसे सिर्फ शिष्टाचार भेंट बताया।
Maharashtra politics: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल देखी जा रही है। पिछले कुछ महीनों में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने सुलह कर मंच साझा किया था। इसके बाद संभावना जताई जा रही थी कि दोनों एक साथ नगर निगम चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, अब राजनीतिक परिदृश्य में नया मोड़ आया है। देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे की हालिया मुलाकात ने अफवाहों का बाजार गर्म कर दिया है।
फडणवीस और राज ठाकरे की बैठक से उठे सवाल
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब शहर के परिवहन और बिजली आपूर्ति निकाय के कर्मचारी संघ के चुनाव में ठाकरे परिवार समर्थित उम्मीदवारों की हार के बाद से यह सवाल उठने लगे थे कि क्या दोनों भाई फिर से एक साथ चुनाव लड़ेंगे। फडणवीस और राज ठाकरे की यह मुलाकात राजनीतिक चर्चा का मुख्य विषय बन गई।
फडणवीस का बयान
इस दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) से जुड़े एक स्थानीय राजनेता पर लगे वोटिंग आरोपों के बीच जनता ने 'ठाकरे ब्रांड' को नकार दिया है। उन्होंने इसे चुनावी परिणामों का हिस्सा बताया और कहा कि राजनीति में इस तरह की घटनाएं सामान्य हैं।
अजित पवार की टिप्पणी
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात को केवल शिष्टाचार भेंट बताया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीतिक परंपरा में प्रमुख नेताओं से मिलना आम बात है। अजित पवार ने कहा, "अब कौन किससे मिले, बहुत से लोग मिलते रहते हैं। राज्य के मुखिया देवेंद्र जी वहां हैं, तो लोग मिलते रहेंगे। सत्ता में हों या न हों, राजनीतिक जीवन में लोग मिलते रहते हैं।"
राज ठाकरे का पक्ष
राज ठाकरे ने मुलाकात का कारण नगर नियोजन और मुंबई में बढ़ती जनसंख्या व यातायात को बताया। उन्होंने कहा कि मुंबई में यातायात एक बड़ी समस्या है। लोग वाहन कहीं भी पार्क कर देते हैं और शिष्टाचार की कमी है। राज ठाकरे ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री और मुंबई पुलिस के साथ इस विषय पर विस्तृत चर्चा की और प्रेजेंटेशन भी तैयार किया है।