पटना हाई कोर्ट के आदेश पर मधुबनी मंडल कारा में बंद आरोपी छोटू यादव की शादी पीड़िता गीता कुमारी से कराई गई। यौन उत्पीड़न मामले से जुड़े इस अनोखे फैसले ने जेल परिसर में विवाह को संभव बनाया।
पटना: बिहार में पटना हाई कोर्ट के निर्देश पर मधुबनी के मंडल कारा परिसर में बंद आरोपी छोटू यादव उर्फ ब्रदी यादव की शादी पीड़िता गीता कुमारी से कराई गई। मंगलवार को न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए जेल परिसर में यह विवाह संपन्न हुआ, जिसमें दोनों पक्षों के अधिवक्ता, जेल अधीक्षक और परिजन मौजूद रहे। मामला लौकही थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जहां पीड़िता ने देवर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अदालत ने जमानत आदेश के तहत शादी को शर्त मानते हुए यह दुर्लभ फैसला सुनाया।
पटना हाई कोर्ट के आदेश पर हुई शादी
पूरा मामला लौकही थाना क्षेत्र का है। यहां की रहने वाली गीता कुमारी ने अपने देवर छोटू यादव उर्फ बद्री यादव पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामले की सुनवाई के दौरान अभियुक्त ने पटना उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की।
माननीय उच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि आरोपी और पीड़िता विवाह के लिए सहमत हों तो जमानत आवेदन स्वीकार किया जा सकता है। इसके बाद प्रथम जिला अपर सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश सैयद मोहम्मद फजलुल बारी ने मंडल कारा अधीक्षक को जेल परिसर में ही विवाह संपन्न कराने का निर्देश दिया। इसी आदेश के आलोक में मंगलवार को मंडल कारा परिसर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी कराई गई।
पति की मौत के बाद देवर पर लगे थे आरोप
अभियोजन पक्ष के अनुसार, गीता कुमारी के पति की मौत के बाद उसका देवर छोटू यादव लगातार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। कई बार गर्भधारण के बाद उसे दवाइयां देकर गर्भपात भी कराया गया। हालात तब बिगड़े जब पीड़िता ने गर्भ गिराने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद आरोपी ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी।
पीड़िता अपनी और बच्चे की सुरक्षा के लिए घर छोड़ने को मजबूर हो गई और उसने महिला थाना में मुकदमा दर्ज कराया। लेकिन अदालत में जब दोनों पक्षों की सहमति सामने आई तो न्यायालय ने विवाह कराने का आदेश जारी किया। इस आदेश को कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा मानते हुए कारा परिसर में सात फेरे पूरे कराए गए।
शादी के गवाह बने जेलकर्मी और वकील
इस अनोखे विवाह के गवाह बने अभियुक्त और पीड़िता के परिजन, दोनों पक्षों के अधिवक्ता, जेल अधिकारी और सुरक्षाकर्मी। शादी के दौरान अभियुक्त के पिता जयनारायण यादव और चाची कौशल्या देवी मौजूद थीं। पीड़िता की ओर से भी अधिवक्ता और परिवारजन शामिल हुए।
जेलर राम विलास दास ने विवाह की प्रक्रिया की निगरानी की। उन्होंने बताया कि न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए सुरक्षा और परंपरा दोनों का ध्यान रखा गया। शादी पूरी तरह हिंदू रीति-रिवाज से कराई गई, जिसमें मंत्रोच्चार, वरमाला और सात फेरे शामिल थे।