मध्य प्रदेश में देर रात 18 IAS अधिकारियों और 11 जिला पंचायत CEO का बड़ा ट्रांसफर किया गया। नए अधिकारियों को जिम्मेदारी मिलने के बाद जिलों में प्रशासनिक संतुलन और विकास कार्यों की गति बढ़ने की उम्मीद है।
Bhopal: मध्य प्रदेश में एक बार फिर प्रशासनिक हलचल देखने को मिली है। देर रात सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 18 IAS अधिकारियों का तबादला कर दिया। इतना ही नहीं, 11 जिलों के जिला पंचायत CEO भी बदल दिए गए। अचानक हुए इस कदम से प्रशासनिक गलियारों में हलचल मच गई है और राजनीतिक चर्चाएँ भी तेज हो गई हैं।
देर रात क्यों हुआ ट्रांसफर?
आमतौर पर ऐसे बड़े पैमाने पर IAS अधिकारियों का ट्रांसफर दिन के समय किया जाता है, लेकिन इस बार आदेश देर रात जारी हुए। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने प्रशासनिक संतुलन बनाने और जिलों में विकास कार्यों को गति देने के लिए यह फैसला लिया। वहीं, सियासी गलियारों में यह सवाल भी उठ रहा है कि आखिर इतनी जल्दबाजी क्यों की गई।
किन अधिकारियों का हुआ तबादला?
सरकार द्वारा जारी आदेश में 18 IAS अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इनमें कई जिलों के CEO, निगमों के कमिश्नर और विभागों के सचिव शामिल हैं।
- विशेष गढ़पाले – सचिव, ऊर्जा विभाग
- वन्दना वैद्य – एमडी, वित्त निगम इंदौर
- गजेंद्र सिंह नागेश – सिंगरौली जिला पंचायत CEO से नरसिंहपुर जिला पंचायत CEO
- गुरुप्रसाद – उप सचिव, मुख्य सचिव कार्यालय
- दिव्यांक सिंह – अपर आयुक्त, नगरीय प्रशासन भोपाल
- तपस्या परिहार – छतरपुर जिला पंचायत CEO से कमिश्नर, नगर निगम कटनी
- शिशिर नेमावत – कटनी जिला पंचायत CEO से अपर आयुक्त, नगरीय प्रशासन भोपाल
- डॉ. नेहा जैन – सीहोर जिला पंचायत CEO से डिप्टी डायरेक्टर, NVDA इंदौर
- श्रेयांस कुमट – मंडला जिला पंचायत CEO से उज्जैन जिला पंचायत CEO
- तन्मय वशिष्ठ शर्मा – अनूपपुर जिला पंचायत CEO से डिप्टी कलेक्टर, नगर निगम भोपाल
- दलीप कुमार – नरसिंहपुर जिला पंचायत CEO से देवास नगर निगम कमिश्नर
- पवार नवजीवन विजय – सिवनी जिला पंचायत CEO से अपर कलेक्टर, इंदौर
- अनिल कुमार राठौर – डिंडौरी जिला पंचायत CEO से कार्यकारी संचालक, औद्योगिक विकास निगम जबलपुर
- अंशुमान – सीधी जिला पंचायत CEO से प्रबंध संचालक, स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क
- अर्थ जैन – CEO, स्मार्ट सिटी इंदौर
- अरविंद कुमार शाह – डिप्टी कमिश्नर, नगर निगम जबलपुर
- टी प्रतीक राव – डिप्टी कमिश्नर, नगर निगम ग्वालियर
- अनिशा श्रीवास्तव – कार्यकारी संचालक, औद्योगिक विकास निगम ग्वालियर
इन बदलावों के साथ ही कई जिलों के जिला पंचायत CEO भी नए चेहरों को मिले हैं।
IAS अधिकारियों का ट्रांसफर क्यों होता है?
IAS अधिकारियों का ट्रांसफर सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं–
- प्रशासनिक आवश्यकता – किसी जिले या विभाग में प्रशासनिक संतुलन और दक्षता बनाए रखने के लिए।
- विकास कार्यों की गति – जिन जिलों में विकास योजनाओं की रफ्तार धीमी होती है, वहां नए अधिकारी भेजे जाते हैं।
- नीतिगत बदलाव – सरकार की प्राथमिकताओं के हिसाब से अधिकारियों की नियुक्ति बदली जाती है।
- प्रदर्शन आधारित निर्णय – अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को अहम जिम्मेदारियां मिलती हैं, जबकि कमजोर प्रदर्शन करने वालों को बदला जाता है।
- राजनीतिक कारण – कई बार राजनीतिक दबाव या समीकरणों के चलते भी ट्रांसफर किए जाते हैं।
- अनियमितता या जांच – अगर किसी अधिकारी पर भ्रष्टाचार या अनियमितता के आरोप हों तो उन्हें हटाया या दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है।
- नियमित रोटेशन – IAS कैडर नियमों के अनुसार समय-समय पर अधिकारियों का स्थानांतरण अनिवार्य है।
राजनीतिक चर्चाएँ भी तेज
मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में इस ट्रांसफर को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार चुनावी फायदे को ध्यान में रखकर अधिकारियों की पोस्टिंग कर रही है। हालांकि, सरकार का दावा है कि यह पूरी तरह प्रशासनिक फैसला है और इसका चुनाव से कोई संबंध नहीं।