आगरा की मीरा राठौर बाबा धीरेंद्र शास्त्री के निर्देश पर धार्मिक स्थलों पर तिरंगा और संदेश पत्र अभियान शुरू कर चुकी हैं। मनकामेश्वर मंदिर से जामा मस्जिद तक मिशन चलाकर राष्ट्रप्रेम का संदेश फैलाया जा रहा है।
आगरा: समाजसेवी और अखिल भारत हिंदू महासभा की जिला अध्यक्ष मीरा राठौर ने शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर तिरंगा और राष्ट्रगान अभियान शुरू किया। मीरा राठौर पिछले कुछ समय से धार्मिक और सामाजिक आंदोलनों को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में उन्होंने ताजमहल परिसर में शिवलिंग स्थापित कर गंगाजल अर्पित करने के प्रयास को लेकर सुर्खियां बटोरी थीं। अब उन्हें बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने हर धार्मिक स्थल पर तिरंगा लगाने और राष्ट्रगान के माध्यम से देशभक्ति का संदेश फैलाने का खास मिशन सौंपा है।
मनकामेश्वर मंदिर से तिरंगा अभियान शुरू
मीरा राठौर ने सबसे पहले आगरा के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर का दौरा किया। यहां उन्होंने महंत योगेश पुरी महाराज को तिरंगा और संदेश पत्र सौंपा। उन्होंने मंदिर प्रशासन और श्रद्धालुओं से अपील की कि वे अपने धार्मिक स्थल पर तिरंगा लगाए और राष्ट्रगान का आयोजन करें। इस अभियान का उद्देश्य देशभक्ति और एकता का संदेश फैलाना बताया जा रहा है।
मीरा ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर तिरंगा और राष्ट्रगान का आयोजन लोगों में राष्ट्रप्रेम की भावना को जागृत करेगा। उनका मानना है कि धार्मिक स्थलों को केवल पूजा के लिए ही नहीं, बल्कि देशभक्ति और सामाजिक संदेश फैलाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
सिकंदरा गुरु के ताल गुरुद्वारा और मेरी चर्च में दौरा
मनकामेश्वर मंदिर के बाद मीरा राठौर सिकंदरा के गुरु के ताल गुरुद्वारा पहुंचीं। यहां उन्होंने बाबा प्रीतम सिंह को तिरंगा और संदेश पत्र सौंपा। इसके बाद उन्होंने प्रतापपुर स्थित प्राचीन मेरी चर्च का दौरा किया और फादर डेविड को राष्ट्रप्रेम का संदेश देते हुए तिरंगा सौंपा।
मीरा ने कहा कि विभिन्न धर्मों और संप्रदायों के बीच सहयोग और भाईचारे को बढ़ावा देना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने धार्मिक समुदायों से अपील की कि वे इस अभियान में सहयोग दें और अपने स्थलों पर तिरंगा लगाने के लिए लोगों को प्रेरित करें।
जामा मस्जिद में तिरंगा अभियान का समापन
मीरा राठौर अपने अभियान की अंतिम कड़ी में आगरा की जामा मस्जिद जाएंगी। वहां शहर मुक्ति इमाम को तिरंगा और संदेश पत्र सौंपकर अभियान का समापन किया जाएगा। मीरा ने बताया कि उनका यह अभियान धर्म और राष्ट्र के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास है।
बीते दिनों मीरा राठौर ने कथावाचक स्वामी अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ महिलाओं की शादी की उम्र को लेकर आपत्तिजनक बयान पर मुकदमा दायर किया था। उन्होंने कहा था कि संविधान में लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु 18 साल है और किसी संत को इसका उल्लंघन करने वाले बयान नहीं देने चाहिए। मीरा का कहना है कि सामाजिक और धार्मिक जिम्मेदारी निभाते हुए उन्हें देशभक्ति और महिलाओं के अधिकारों दोनों की रक्षा करनी है।