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मेरठ में कुत्तों का आतंक, रोजाना 200 केस आए सामने; हापुड़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर में खौफ

मेरठ में कुत्तों का आतंक, रोजाना 200 केस आए सामने; हापुड़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर में खौफ

मेरठ जिले में आवारा कुत्तों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है और साथ ही सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी भी सामने आई है। पीएल शर्मा जिला अस्पताल में “एंटी-रेबीज सीरम” (ARS) का स्टॉक समाप्त हो चुका है, जबकि “एंटी-रेबीज वैक्सीन” (ARV) उपलब्ध है।

कुत्तों के काटने की बड़ी संख्या के कारण अस्पताल में मरीजों की भीड़ लग रही है।

मुख्य बिंदु

जिला अस्पताल के कमरा नंबर 16 में प्रतिदिन बड़ी संख्या में कुत्तों से काटे गए लोगों को इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं।

ARV वैक्सीन की कमी नहीं है — चिकित्सा अधीक्षक बी पी कौशिक ने बताया कि यह मामूली घावों में प्रयोग होती है। लेकिन ARS इंजेक्शन — जिसमें पेट से ऊपर काटे जाने या गंभीर घावों के लिए प्रयोग होता है — अस्पताल में 26-सितंबर से खत्म हो गया था।

27-सितंबर को डिमांड ड्रग वेयर हाउस (खरखौदा) को भेजी गयी थी, पर वेयरहाउस में भी स्टॉक नहीं था। उदाहरण के तौर पर, एक ही दिन सुबह 8 बजे से 11:30 बजे तक 84 लोग इंजेक्शन लगवाने के लिए आए थे। लोगों ने बताया: एक पुलिस हवलदार को कैंट के हनुमान मंदिर के पास बाइक पर जाते समय कुत्तों ने हमला किया।

दूसरे एक व्यक्ति को ब्रह्मपुरी इलाके में जाँघ पर काटा गया।

चिंता-के विषय

जब गंभीर घावों वाले मरीजों को ARS नहीं मिल पा रहा है, तो उनका जीवन-सुरक्षा जोखिम में है। आवारा कुत्तों की संख्या इतनी है कि रोजाना बड़े पैमाने पर काटे जाने के मामलों से अस्पताल में दबाव है। प्रशासन द्वारा आवारा कुत्तों का नियंत्रण और स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक इंजेक्शनों का समय-निष्ठ आपूर्ति सुनिश्चित करना जरूरी है।

संबंधित अधिकारियों को शीघ्र प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है — अस्पताल, नगर निगम, पशु प्रबंधन विभाग को समन्वय करना होगा।

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