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Bihar: महागठबंधन में बड़ा फेरबदल! मुकेश सहनी उपमुख्यमंत्री चेहरा घोषित, जानिए क्यों बदली बिहार की रणनीति 

Bihar: महागठबंधन में बड़ा फेरबदल! मुकेश सहनी उपमुख्यमंत्री चेहरा घोषित, जानिए क्यों बदली बिहार की रणनीति 

बिहार महागठबंधन ने मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उपमुख्यमंत्री मुकेश सहनी के चेहरे तय किए। सहनी के दबाव और कांग्रेस हाईकमान के हस्तक्षेप से मल्लाह-निषाद समुदाय का समीकरण बनाकर गठबंधन मजबूत हुआ।

Bihar Politics: बिहार की राजनीति में गुरुवार का दिन कई अप्रत्याशित घटनाओं के लिए याद रखा जाएगा। सुबह तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया जाना तय था, लेकिन दोपहर तक सुर्खियों में आया VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने पूरे समीकरण को बदल दिया। पटना के होटल मौर्य में हुई महागठबंधन की बैठक में सहनी ने उपमुख्यमंत्री पद की शर्त रखी, जिससे गठबंधन में हलचल मच गई।

सुबह का सियासी तनाव

सूत्रों के अनुसार, सुबह 11.30 बजे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया जाना था। लेकिन उसी समय मुकेश सहनी ने साफ शब्दों में कहा कि अगर तेजस्वी मुख्यमंत्री बने तो उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जाए। सहनी के इस डिमांड ने गठबंधन के नेताओं के लिए चुनौती पैदा कर दी। सहनी होटल मौर्य के एक सुइट में ठहरे थे, जहाँ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत और वाम दलों के नेता भी मौजूद थे।

सहनी का तर्क था कि उन्होंने सीमित सीटों (15) पर समझौता इस उम्मीद में किया कि उपमुख्यमंत्री पद मिलेगा। उन्होंने कहा, “अगर मुझे यह पद नहीं मिला, तो मैं अपने समर्थकों के बीच कैसे जाऊँ?” इस शर्त ने गठबंधन के अंदर तत्काल तनाव पैदा कर दिया।

कांग्रेस हाईकमान का हस्तक्षेप

महागठबंधन के नेताओं ने दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से संपर्क किया। जवाब आया कि “सहनी को डिप्टी सीएम फेस घोषित कर दीजिए, मल्लाह समुदाय का वोट हमारे लिए ज़रूरी है।” वाम दलों के नेता दीपांकर भट्टाचार्य से भी सहमति ली गई। इस तरह तय हुआ कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री उम्मीदवार और मुकेश सहनी उपमुख्यमंत्री चेहरा होंगे।

मल्लाह और निषाद समुदाय का प्रभाव

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार में मल्लाह और निषाद समुदाय की आबादी लगभग नौ फ़ीसदी है। यह वर्ग अक्सर चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाता है। मुकेश सहनी इस समुदाय के प्रमुख नेता माने जाते हैं और इसी वजह से उन्हें महागठबंधन में इतना महत्व मिला।

पटना होटल की बैठक का असर

पटना के होटल मौर्य में हुई यह बंद कमरे की बैठक महागठबंधन की रणनीति और सत्ता समीकरण को बदलने वाली साबित हुई। इस बैठक के बाद सहनी सिर्फ VIP पार्टी के नेता नहीं रहे, बल्कि राज्य की राजनीति में एक निर्णायक चेहरा बन गए।

चुनावी रणनीति में नया समीकरण

तेजस्वी यादव के युवा नेतृत्व और मुकेश सहनी के सामाजिक समीकरण का मेल महागठबंधन की चुनावी रणनीति का नया चेहरा बन गया। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह गठबंधन युवाओं और मल्लाह-निषाद समुदाय के मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है।

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