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लाडकी बहिन योजना में गड़बड़ी: पुरुषों के खाते में पहुंचे पैसे, मंत्री ने दिए जांच के आदेश

लाडकी बहिन योजना में गड़बड़ी: पुरुषों के खाते में पहुंचे पैसे, मंत्री ने दिए जांच के आदेश

महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'लाडकी बहिन' योजना में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। यह योजना महिलाओं की आर्थिक सहायता के लिए शुरू की गई थी, लेकिन अब इसमें पुरुषों के नाम भी सामने आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार करीब 14,000 पुरुषों ने इस योजना का लाभ उठा लिया है, जिससे सरकार और प्रशासन के बीच हड़कंप मच गया है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि हो सकता है कुछ मामलों में महिलाओं ने अपने बैंक खाते की जगह पति का खाता विवरण दे दिया हो, क्योंकि उनके पास खुद का खाता नहीं था। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और जो लोग नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जांच के घेरे में 14 हजार पुरुष

मंत्री अदिति तटकरे के अनुसार, यह योजना 28 जून 2023 को शुरू की गई थी और इसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर रखी गई थी। इस अवधि में कुछ पुरुषों ने खुद आवेदन कर दिया या फिर उनके बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ, इसको लेकर जांच चल रही है।

सरकार के पास अब तक 26 लाख से अधिक आवेदन आए हैं, जिनमें से 14,000 आवेदन पुरुषों के पाए गए हैं। मंत्री ने बताया कि इनमें से एक मामले में एक व्यक्ति ने 30 से 35 फर्जी खातों को योजना से जोड़ दिया था। जैसे ही यह मामला सामने आया, तुरंत संबंधित बैंक खातों को सील कर दिया गया है।

मंत्री ने यह भी कहा कि जमीनी स्तर पर सभी आवेदनों की गहराई से जांच की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना का लाभ सिर्फ योग्य महिलाओं तक ही पहुंचे।

महिला कर्मचारियों ने भी लिया दोहरा लाभ

'लाडकी बहिन' योजना में गड़बड़ी यहीं नहीं रुकी। अब यह आरोप भी सामने आया है कि करीब 9,500 महिला सरकारी कर्मचारी भी इस योजना का लाभ ले रही हैं, जबकि उन्हें पहले से सरकार से वेतन मिल रहा है। योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं की मदद करना था, लेकिन इन कर्मचारियों ने हर महीने 1,500 रुपये की सहायता राशि भी ले ली, जो नियमों के खिलाफ है।

सरकार अब इन मामलों की भी जांच कर रही है। अधिकारी यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि ऐसे अपात्र लाभार्थियों को चिन्हित कर योजना से बाहर किया जाए और उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई हो।

सरकार ने दी सफाई

मंत्री अदिति तटकरे ने साफ किया कि सरकार की मंशा किसी भी पात्र लाभार्थी के साथ अन्याय करने की नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री इस पर अंतिम निर्णय लेंगे। सरकार की प्राथमिकता है कि योजना का लाभ उन महिलाओं को मिले, जिनके लिए यह बनाई गई थी।

उन्होंने यह भी बताया कि रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों में कई विभागों का डेटा शामिल है जैसे कि खाद्य, परिवहन और ग्राम विकास, जो जांच का हिस्सा हैं। इसलिए जब तक पूरी जांच नहीं हो जाती, तब तक किसी को दोषी नहीं ठहराया जाएगा।

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