‘मन की बात’ कार्यक्रम ने बिना अतिरिक्त खर्च के 34.13 करोड़ रुपये की कमाई की है। आकाशवाणी और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रसारित यह कार्यक्रम देशभर में लोकप्रिय है। क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारण से इसकी पहुंच व्यापक हुई है।
Man ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' अब केवल एक संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि एक प्रभावशाली जन-संचार मंच बन गया है। यह कार्यक्रम न केवल देशभर के नागरिकों से सीधे जुड़ने में सफल रहा है, बल्कि इसके जरिए सरकार ने आर्थिक दृष्टि से भी उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
हाल ही में राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने बताया कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम ने अब तक कुल ₹34.13 करोड़ की कमाई की है, और यह पूरी आय मौजूदा संसाधनों के उपयोग से बिना किसी अतिरिक्त खर्च के अर्जित हुई है।
साल 2014 में हुई थी शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ की शुरुआत 3 अक्टूबर 2014 को की थी। इसका मकसद था देश के लोगों से सीधा जुड़ाव और समाज से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना। यह कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को आता है, जिसमें प्रधानमंत्री प्रेरणादायक कहानियों, सामाजिक विषयों और देश के हित से जुड़े पहलुओं पर अपने विचार साझा करते हैं।
राजस्व सृजन में सफल मॉडल
राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में मंत्री एल. मुरुगन ने बताया कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम अब तक ₹34.13 करोड़ की आय अर्जित कर चुका है। यह राजस्व मुख्य रूप से इसके पारंपरिक और डिजिटल प्रसारण के माध्यमों से उत्पन्न हुआ है। इस कार्यक्रम की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है, जिससे विज्ञापनदाताओं और प्रसारण प्लेटफॉर्मों की भागीदारी भी बढ़ी है।
क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रसारण, देशभर में व्यापक पहुंच
एक बड़ी विशेषता इस कार्यक्रम की यह है कि इसे देश की कई प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारित किया जाता है ताकि हर वर्ग और समुदाय तक इसकी पहुंच हो सके। यह प्रसारण दूरदर्शन के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चैनलों, आकाशवाणी के 48 चैनलों, और 92 निजी टीवी चैनलों के माध्यम से किया जाता है।
डिजिटल युग में भी मजबूती से मौजूद
‘मन की बात’ केवल रेडियो तक सीमित नहीं है। यह कार्यक्रम आज डिजिटल इंडिया अभियान का भी हिस्सा बन चुका है। इसे प्रसार भारती के यूट्यूब चैनल, पीएमओ इंडिया के आधिकारिक पेज, वेव्स ओटीटी प्लेटफॉर्म, न्यूज ऑन एआईआर मोबाइल ऐप और पीबी शब्द जैसे पोर्टल्स पर भी प्रसारित किया जाता है।
इनके अलावा फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर), इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी ‘मन की बात’ का विजुअल और ऑडियो फॉर्मेट लाखों दर्शकों को आकर्षित करता है।
संवाद से जनभागीदारी की ओर बढ़ता कदम
एल. मुरुगन ने कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ एकतरफा संवाद नहीं है, बल्कि यह सामूहिक चर्चा और जनभागीदारी का एक मंच बन गया है। समाज के कई वर्गों जैसे किसान, शिक्षक, छात्र, नवोन्मेषकर्ता, पर्यावरणविद, खिलाड़ियों और महिलाओं को इस कार्यक्रम के माध्यम से राष्ट्रीय संवाद में शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम में अक्सर उन लोगों की कहानियां साझा करते हैं जिन्होंने अपने प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया है। यह जनता को न केवल जागरूक करता है बल्कि प्रेरित भी करता है।