बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों से ब्रिटेन भी गंभीर रूप से चिंतित है। ब्रिटेन ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और घृणा की घटनाओं की कड़ी निंदा की है और कार्यवाहक यूनुस सरकार को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है।
ढाका: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ लगातार बढ़ती हिंसा और उत्पीड़न के बाद ब्रिटेन सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ब्रिटेन ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। ब्रिटिश संसद के निचले सदन, हाउस ऑफ कॉमन्स में 18 अक्टूबर को जारी बयान में यह स्पष्ट किया गया कि ब्रिटेन बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं, के खिलाफ होने वाले अत्याचारों की कड़ी निंदा करता है।
ब्रिटेन की प्रतिक्रिया
ब्रिटिश सांसदों ने बांग्लादेश में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा के खिलाफ अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वे धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ के नेता सर एलन कैंपबेल ने लेबर पार्टी की ओर से कहा, हम किसी भी प्रकार की धार्मिक घृणा या हिंसा की घटना की कड़ी निंदा करते हैं।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा और उनके लिए शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक परिवर्तनों का समर्थन करने के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।कैंपबेल ने यह भी स्पष्ट किया कि ब्रिटेन बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए और अधिक कदम उठाने के लिए तैयार है। ब्रिटेन के बयान की पृष्ठभूमि में सामुदायिक संगठन 'इनसाइट यूके' की हालिया रिपोर्ट है, जिसमें बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा और भेदभाव का खुलासा किया गया।
यह रिपोर्ट ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन द्वारा संसद में पेश की गई थी। ब्लैकमैन ने दिवाली से पहले रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुई है और उन्हें अक्सर धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। रिपोर्ट में हिंदुओं के खिलाफ संपत्ति पर कब्जा, मंदिरों में तोड़फोड़ और व्यक्तिगत हमलों का विवरण भी शामिल है।
यूनुस सरकार को चेतावनी
ब्रिटेन ने बांग्लादेश की कार्यवाहक यूनुस सरकार को चेताया है कि लोकतांत्रिक मर्यादा में रहना और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना जरूरी है। ब्रिटेन ने यह स्पष्ट किया कि वह बांग्लादेश में लोकतांत्रिक बदलाव की प्रक्रिया का समर्थन करता है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक समुदाय के साथ मिलकर कदम उठाने के लिए तैयार है।
सर एलन कैंपबेल ने कहा कि किसी भी प्रकार की धार्मिक हिंसा और उत्पीड़न को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन सरकार बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है।
ब्रिटेन की प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि बांग्लादेश में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा केवल स्थानीय मुद्दा नहीं है, बल्कि वैश्विक समुदाय की चिंता का विषय बन चुकी है। अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों की लगातार बढ़ती घटनाएं मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा भी आलोचना की जा रही हैं।