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मंगल ग्रह खराब है तो हो सकती हैं ये बीमारियां, जानिए लक्षण और बचाव के तरीके

मंगल ग्रह खराब है तो हो सकती हैं ये बीमारियां, जानिए लक्षण और बचाव के तरीके

ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को पराक्रम और शक्ति का कारक माना गया है। लेकिन अगर यह ग्रह कमजोर हो जाए, तो व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक परेशानियां घेर सकती हैं। उच्च रक्तचाप, रक्त रोग, अल्सर, कैंसर जैसी बीमारियां भी इससे जुड़ी मानी जाती हैं। हनुमान पूजा, मंगल मंत्र जाप, लाल वस्तुओं का दान और मूंगा रत्न धारण करने जैसे उपाय मंगल को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं।

नई दिल्ली: मंगल ग्रह कमजोर होने पर व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य समस्याओं के साथ-साथ मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह ग्रह रक्त, ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। इसकी खराब स्थिति से गुस्सा, चिड़चिड़ापन, आत्मविश्वास की कमी और चोट या दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है। मंगल को मजबूत करने के लिए धार्मिक और ज्योतिषीय उपाय जैसे हनुमानजी की पूजा, मंगल मंत्र का जाप और लाल चीजों का दान करने की परंपरा है।

बीमारियों से गहरा है मंगल का संबंध

मंगल ग्रह को ज्योतिष में रक्त और रोग प्रतिरोधक क्षमता का कारक बताया गया है। इस वजह से इसका सीधा संबंध शरीर में खून और इम्यून सिस्टम से जुड़ी बीमारियों से माना जाता है। कुंडली में मंगल ग्रह के कमजोर होने पर व्यक्ति को उच्च रक्तचाप, रक्त विकार, फोड़े-फुंसी, अल्सर, ट्यूमर, और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।

इसके अलावा, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव और सिरदर्द जैसी समस्याएं भी लंबे समय तक बनी रह सकती हैं। कई ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि मंगल दोष के कारण वैवाहिक जीवन में अनबन, संतान सुख में देरी और पारिवारिक विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।

कमजोर मंगल के लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं

ज्योतिष मान्यता के अनुसार, मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव में आने पर व्यक्ति के स्वभाव और शरीर में कुछ खास बदलाव देखे जा सकते हैं। ऐसे व्यक्ति को अक्सर गुस्सा जल्दी आता है और वह छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ा हो सकता है। आत्मविश्वास में कमी, बार-बार चोट लगना, दुर्घटनाओं का सामना करना, खून की कमी, या ब्लड प्रेशर की समस्या भी कमजोर मंगल के लक्षण माने जाते हैं।

कई बार यह असर इतना गहरा होता है कि व्यक्ति को खुद भी समझ नहीं आता कि उसकी सेहत या स्वभाव में बदलाव की असली वजह क्या है।

मंगल को मजबूत करने के पारंपरिक उपाय

धार्मिक मान्यता है कि अगर मंगल ग्रह कमजोर हो तो इसके प्रभाव को कम करने और ग्रह को मजबूत बनाने के लिए कुछ आसान उपाय किए जा सकते हैं। ये उपाय पीढ़ियों से अपनाए जाते रहे हैं और माना जाता है कि इनसे मंगल का अशुभ प्रभाव काफी हद तक शांत हो सकता है।

हनुमानजी की आराधना

मंगल दोष को शांत करने के लिए हनुमानजी की पूजा को सबसे असरदार उपाय माना जाता है। मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाकर दर्शन करना, सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाना तथा हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है।

मंगल मंत्र का जाप

ज्योतिष में “ओम अंग अंगारकाय नमः” मंत्र को मंगल ग्रह का प्रमुख बीज मंत्र बताया गया है। इसे रोजाना 108 बार जपने से मंगल की स्थिति मजबूत होने लगती है और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर दिखता है।

लाल वस्तुओं का दान

मंगल का संबंध लाल रंग से है, इसलिए मंगलवार के दिन मसूर की दाल, लाल कपड़ा, लाल मिठाई या लाल फल गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना शुभ माना जाता है।

मूंगा रत्न धारण करना

ज्योतिषाचार्य अक्सर कमजोर मंगल वाले जातकों को मूंगा रत्न पहनने की सलाह देते हैं। इसे तांबे या सोने की अंगूठी में जड़वाकर मंगलवार के दिन पहनना लाभकारी माना जाता है।

तांबे के बर्तन का प्रयोग

तांबा मंगल का धातु माना जाता है। तांबे के बर्तन में पानी पीना, तांबे का लोटा पूजा में इस्तेमाल करना और जमीन पर बैठकर भोजन करना मंगल ग्रह को मजबूत करने के आसान उपायों में गिना जाता है।

ज्योतिषीय मान्यता 

हालांकि इन उपायों का वैज्ञानिक आधार अलग विषय है, लेकिन भारत में पीढ़ियों से यह विश्वास रहा है कि ग्रहों की स्थिति और उनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में सुख-दुख, स्वास्थ्य और स्वभाव को प्रभावित करता है। मंगल ग्रह, जो साहस और ऊर्जा का प्रतीक है, जब कमजोर होता है तो व्यक्ति में नकारात्मकता, स्वास्थ्य समस्याएं और विवाद बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में इसे संतुलित करने के उपाय अपनाना लाभदायक माना गया है।

 

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