मथुरा के गोविंद नगर में टीला धंसने से कई मकानों के हिस्से गिर गए। हादसे में तीन की मौत, कई घायल। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को राहत कार्य में लगाया गया है।
UP News: रविवार दोपहर मथुरा के गोविंद नगर क्षेत्र में शाहगंज दरवाजे के पास एक बड़ा हादसा हो गया। टीले की मिट्टी धंसने से वहां बने एक-दो मंजिला मकानों के हिस्से ढह गए। हादसे के वक्त कई मजदूर और स्थानीय निवासी इन मकानों में मौजूद थे, जो अचानक गिरे मलबे में दब गए। इस दुर्घटना में अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई घायल हैं। मौके पर राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।
हादसा कैसे हुआ?
शाहगंज दरवाजे के पास वर्षों पुराने मिट्टी के टीले हैं, जिन पर कई पक्के मकान बने हुए हैं। बारिश के मौसम में इन टीलों की मिट्टी अक्सर ढीली हो जाती है, जिससे भू-धंसाव का खतरा बढ़ जाता है। इसे रोकने के लिए स्थानीय लोग इन टीलों के चारों ओर पक्की दीवार बनाने का काम करा रहे थे। यह कार्य पिछले एक सप्ताह से चल रहा था। रविवार को दोपहर लगभग 12:15 बजे अचानक मिट्टी धंसक गई, जिससे पास बने आधा दर्जन से अधिक मकानों के हिस्से गिर गए।
मलबे में दबे लोग, बचाव कार्य जारी
दीवार निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के अलावा कुछ मकानों में मौजूद स्थानीय लोग भी मलबे के नीचे दब गए। सूचना मिलने पर पुलिस और दमकल विभाग की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। जिला प्रशासन ने राहत कार्य के लिए जेसीबी मशीनें लगवाई हैं। फिलहाल छह जेसीबी मशीनें और दर्जनों राहतकर्मी मलबा हटाने में जुटे हैं।
तीन लोगों की मौत की पुष्टि
इस भीषण हादसे में अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मृतकों में 33 वर्षीय तोता राम सैनी पुत्र बजरंग लाल सैनी शामिल हैं। इसके अलावा 6 वर्षीय यशोदा और उसकी तीन वर्षीय बहन काव्या की भी मृत्यु हो गई है। दोनों बच्चियां वृंदावन के गौतमपाड़ा निवासी मोहन लाल की बेटियां थीं, जो अपनी ननिहाल आई हुई थीं।
मलबे से महिला और बच्चे को निकाला गया सुरक्षित
कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने मलबे के नीचे से एक महिला और एक बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला और इलाज के लिए अस्पताल भेजा। उनका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ राहत कार्य में लगा है।
प्रशासन और राहत एजेंसियां मौके पर
मथुरा के डीएम चंद्र प्रकाश सिंह और एसएसपी श्लोक कुमार राहत कार्य का जायजा लेने स्वयं मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें भी बुला ली गई हैं। मलबे की गहराई और फैलाव को देखते हुए राहत कार्य में समय लग रहा है। उन्होंने लोगों से संयम बनाए रखने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है।
स्थानीय लोगों में दहशत
हादसे के बाद आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन को पहले से इन टीलों की स्थिति की जानकारी थी, लेकिन समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। कई लोगों ने यह भी बताया कि इससे पहले भी छोटे स्तर पर टीला धंसने की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।