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मुंबई पुलिस का आजाद मैदान पर एक्शन, मराठा आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए मनोज जरांगे का बड़ा ऐलान

मुंबई पुलिस का आजाद मैदान पर एक्शन, मराठा आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए मनोज जरांगे का बड़ा ऐलान

मुंबई में मराठा आरक्षण आंदोलन के लिए आजाद मैदान पर भारी भीड़ जमा थी। बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने मैदान खाली कराने का एक्शन शुरू किया। मनोज जरांगे पाटिल ने केवल 5000 लोगों के रहने की घोषणा की।

Maharashtra: मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत आजाद मैदान को खाली कराने के लिए मंगलवार सुबह से कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस प्रशासन ने आंदोलनकारियों को शांतिपूर्ण तरीके से मैदान खाली करने का अनुरोध किया है। इस कार्रवाई का उद्देश्य सड़क यातायात और आम नागरिकों की असुविधा को कम करना बताया गया।

मनोज जरांगे का ऐलान: केवल 5000 लोग रहेंगे

मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने अपने समर्थकों को निर्देश दिया कि आंदोलन स्थल पर केवल 5000 लोग ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग गाड़ियां लेकर आए हैं, वे मुंबई से बाहर जाएं। जरांगे का यह कदम आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने की कोशिश माना जा रहा है।

पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच आजाद मैदान पर बहस जारी रही। पुलिस प्रशासन लगातार समझाने की कोशिश कर रहा है कि सभी प्रदर्शनकारी मैदान खाली करें। वहीं, आंदोलनकारियों ने कहा कि जब तक मनोज जरांगे खुद आदेश नहीं देंगे, वे मैदान नहीं छोड़ेंगे।

जरांगे का दावा: मुंबई नहीं छोड़ेंगे

मनोज जरांगे ने पहले कहा था कि उनकी मांगे पूरी होने तक वे मुंबई नहीं छोड़ेंगे, भले ही उनकी जान चली जाए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि हिंसा से बचें और शांति बनाए रखें। इसके अलावा, उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चेतावनी दी कि मराठा समुदाय का सम्मान किया जाए।

बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश और नोटिस

पुलिस ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों के पालन में जरांगे पाटिल को नियमों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी किया। नोटिस में आंदोलनकारियों को आजाद मैदान खाली करने का निर्देश दिया गया। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं रहा और यह अनुमति की शर्तों का उल्लंघन है।

आंदोलनकारियों की चुनौती

पुलिस के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील करने का ऐलान किया। उनके वकील सतीश मानेशिंदे अदालत में उनके पक्ष को रखेंगे। प्रदर्शनकारी दावा कर रहे हैं कि पुलिस के फैसले को चुनौती देने का अधिकार उन्हें है।

भारी संख्या में प्रदर्शनकारी

मराठा आंदोलन के लिए आजाद मैदान में 35,000 से 45,000 लोग जुटे थे, जबकि अनुमति केवल 5,000 लोगों के लिए थी। प्रदर्शनकारियों ने आसपास की सड़कों जैसे सीएसटीएम, मरीन ड्राइव और पी डी'मेलो रोड को भी ब्लॉक कर दिया। इससे दक्षिण मुंबई में भारी ट्रैफिक जाम और आम नागरिकों को असुविधा हुई।

पुलिस की सख्ती

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण नहीं था और सभी शर्तों का उल्लंघन किया गया। महाधिवक्ता बिरेंद्र सराफ ने अदालत को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने अनुमति से अधिक समय तक मैदान पर डेरा डाला। हाईकोर्ट ने जरांगे पाटिल और समर्थकों को अल्टीमेटम दिया कि मंगलवार तक मैदान खाली करें।

जरांगे की मांग

मनोज जरांगे पाटिल मराठा समुदाय के लिए OBC श्रेणी के तहत 10% आरक्षण की मांग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मराठवाड़ा क्षेत्र के सभी मराठों को कुंभी के रूप में मान्यता दी जाए और उन्हें OBC कोटा का लाभ प्रदान करने के लिए सरकारी प्रस्ताव (GR) जारी किया जाए।

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