नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 8 के लिए नई वोकेशनल एजुकेशन एक्टिविटी बुक लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य छात्रों को केवल अकादमिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक और तकनीकी कौशल भी सिखाना है। यह पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप है, जिसमें ज्ञान के साथ-साथ कौशल विकास पर ज़ोर दिया गया है।
इस किताब में छात्रों को भारतीय संस्कृति, पर्यावरण, कृषि तकनीकों और तकनीकी नवाचारों से जोड़ते हुए उनके समग्र विकास की दिशा में मार्गदर्शन दिया गया है।
छात्रों को मिलेंगे ये प्रमुख व्यावहारिक कौशल
इस नई किताब के ज़रिए छात्र कई प्रकार की प्रोजेक्ट-आधारित एक्टिविटीज़ और हैंड्स-ऑन स्किल्स सीखेंगे, जिनमें शामिल हैं:
- बढ़ईगीरी (Woodwork) और घरेलू उपकरण निर्माण
- हाइड्रोपोनिक्स (मिट्टी रहित खेती) का सेटअप
- स्मार्ट होम ऑटोमेशन सर्किट बनाना
- जानवरों की देखभाल से जुड़े प्रोजेक्ट्स
- सेंसर आधारित लाइट और मोशन डिटेक्टर डिजाइन
इन गतिविधियों के माध्यम से छात्रों में विज्ञान, टेक्नोलॉजी और पर्यावरण के प्रति समझ विकसित की जाएगी, जो उनके स्कूल जीवन के साथ-साथ भविष्य में भी उपयोगी होगी।
स्कूलों में होगा ‘कौशल मेला’
NCERT की इस किताब में कौशल मेला (Skill Fair) के आयोजन की भी सिफारिश की गई है, जो स्कूल स्तर पर छात्रों को अपने बनाए हुए प्रोजेक्ट्स और नवाचारों को प्रदर्शित करने का मंच देगा।
इस मेले के ज़रिए छात्र:
- अपने मॉडल और प्रोजेक्ट्स दूसरों को दिखा सकेंगे
- अपने अनुभव और विचार साझा कर सकेंगे
- टीमवर्क, संप्रेषण और नेतृत्व जैसे सॉफ्ट स्किल्स सीख सकेंगे
शिक्षकों को इसमें मार्गदर्शक की भूमिका निभानी होगी, जिससे छात्रों में आत्मविश्वास और रचनात्मकता को बढ़ावा मिले।
मीडिया और डिजिटल साक्षरता पर भी ज़ोर
इस किताब में मीडिया साक्षरता, लैंगिक संवेदनशीलता और डिजिटल जागरूकता जैसे आधुनिक विषयों को भी शामिल किया गया है:
- इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक्स की मूलभूत समझ
- पोस्टर, जिंगल, और सोशल मीडिया रील्स बनाना
- डिजिटल व्यवहार और ऑनलाइन सामग्री की पहचान
इन विषयों से छात्र 21वीं सदी के कौशल विकसित कर सकेंगे जो उनके शिक्षा और करियर दोनों में सहायक होंगे।
कृषि और पर्यावरण शिक्षा से होगा जुड़ाव
हाइड्रोपोनिक्स और सतत खेती जैसी तकनीकों के माध्यम से छात्रों को आधुनिक कृषि प्रणाली और पर्यावरणीय स्थिरता की जानकारी दी जाएगी। इससे वे प्रकृति और संसाधनों के प्रति संवेदनशील बनेंगे और हरित सोच को अपनाएंगे।
समग्र विकास की दिशा में बड़ा कदम
NCERT की यह नई वोकेशनल किताब एक सामान्य पाठ्यपुस्तक से कहीं अधिक है। यह छात्रों को न केवल पढ़ाई में मदद करती है, बल्कि उन्हें व्यवहारिक, सामाजिक और तकनीकी रूप से भी सक्षम बनाती है।
यह पहल भारत के स्कूली शिक्षा सिस्टम को ग्लोबल एजुकेशन स्टैंडर्ड्स की दिशा में ले जाती है, जहां बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि जमीनी अनुभव और कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाता है।