नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ Gen Z आंदोलन हिंसक हो गया। पीएम केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने इस्तीफा दे दिया। अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत ने नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी।
Nepal: नेपाल में हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं। सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया और अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने बढ़ते दबाव के बीच इस्तीफा दे दिया। इसके बाद देश में अस्थिरता और बढ़ गई और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल (Ramchandra Paudel) ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन और कई मंत्रियों के कार्यालयों में आगजनी और तोड़फोड़ की। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि नेपाल के कई शहरों में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। सरकार ने हिंसक विरोध के बाद सोशल मीडिया बैन को वापस लिया, लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों की नाराजगी और हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।
युवा वर्ग की नाराजगी
इस हिंसा के पीछे मुख्य वजह Gen Z आंदोलन है। युवा वर्ग ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध को उनकी स्वतंत्रता पर हमला माना और इसके खिलाफ सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने नेताओं और मंत्रियों के घरों पर हमला किया, जिसमें पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली के कार्यालय पर भी तोड़फोड़ हुई। युवाओं का कहना था कि उनकी आवाज़ को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और सरकार को उनकी मांगों का सम्मान करना चाहिए।
Gen Z आंदोलन ने नेपाल में युवा शक्ति की भूमिका और सोशल मीडिया के महत्व को सामने ला दिया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ सोशल मीडिया का मुद्दा नहीं, बल्कि राजनीतिक अस्थिरता और युवाओं की सामाजिक नाराजगी का परिणाम है।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के इस्तीफे
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ गई। ओली ने कहा कि उनका उद्देश्य हमेशा जनता की सेवा करना रहा है, लेकिन हिंसा और तोड़फोड़ कभी स्वीकार नहीं की जा सकती। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के इस्तीफे ने देश में संवैधानिक संकट (constitutional crisis) की स्थिति पैदा कर दी है।
भारत सरकार की एडवायजरी
नेपाल में बढ़ती हिंसा और अस्थिर स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एडवायजरी जारी की है। विदेश मंत्रालय ने सलाह दी है कि नेपाल की यात्रा फिलहाल टाल दी जाए और वर्तमान में वहां मौजूद भारतीय नागरिक अपने निवास स्थान पर रहें। उन्हें सड़कों पर न निकलने और पूरी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
मंत्रालय ने कहा कि बदलते हालात को देखते हुए सुरक्षा सुनिश्चित करना हर नागरिक का प्राथमिक अधिकार है। इस एडवायजरी के बाद नेपाल में रह रहे भारतीय छात्रों और पेशेवरों ने भी सावधानी बरतना शुरू कर दिया है।