संसद भवन का सुरक्षा कारणों से चिन्हित पेड़ ‘सिल्वर ट्रम्पेट’ अगले सप्ताह नए स्थान पर प्रत्यारोपित किया जाएगा। SPG, CPWD और वन विभाग की निगरानी में सुरक्षा सुनिश्चित।
नई दिल्ली। संसद भवन परिसर में एक पेड़ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के दृष्टिकोण से बाधा माना गया है। इस पेड़ को जल्द ही किसी दूसरे स्थान पर प्रत्यारोपित करने की प्रक्रिया शुरू होगी। यह निर्णय विशेष सुरक्षा समूह (SPG), केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) और दिल्ली वन विभाग की सहमति के बाद लिया गया है। संसद भवन के गज द्वार पर स्थित इस पेड़ को SPG ने सुरक्षा बाधा के रूप में चिन्हित किया है क्योंकि प्रधानमंत्री अक्सर इसी द्वार का उपयोग करते हैं।
‘सिल्वर ट्रम्पेट’ पेड़ और उसकी विशेषताएं
जानकारी के अनुसार, यह पेड़ पूर्ण विकसित तबेबुइया अर्जेन्टिया प्रजाति का है जिसे ‘सिल्वर ट्रम्पेट’ के नाम से जाना जाता है। यह अपने चमकीले पीले फूलों के कारण खास है और सात साल में यह तेजी से बढ़ चुका है। यह पेड़ पूर्ण सूर्यप्रकाश और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में पनपता है। इसके कारण इसे सार्वजनिक स्थानों, सड़कों के किनारे और बगीचों में अक्सर देखा जा सकता है।
क्यों लिया गया यह कदम
SPG ने वीवीआईपी मार्ग में संभावित बाधा के रूप में इस पेड़ को चिन्हित किया। CPWD को SPG द्वारा दी गई सुरक्षा चिंताओं के आधार पर इस पेड़ को प्रत्यारोपित करने का निर्देश दिया गया। दिल्ली वन विभाग को भी इस कदम के लिए अनुमति देना जरूरी थी। पेड़ को नए स्थान पर लगाने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और इसके लिए ‘कड़ी शर्तों’ के आधार पर अनुमति दी गई है।
नया स्थान और प्रेरणा स्थल
एक अधिकारी ने बताया कि मानसून सत्र के समाप्त होने के बाद पेड़ को अगले सप्ताह नए स्थान पर लगाया जा सकता है। इसके लिए संसद भवन परिसर में एक विशेष प्रेरणा स्थल चुना गया है, जहां राष्ट्रीय प्रतीक और स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियां स्थित हैं। पहले ये प्रतीक और मूर्तियां परिसर में अलग-अलग स्थानों पर थीं। दस्तावेज में उल्लेख है कि 21 जुलाई को निरीक्षण के बाद यह स्थल वृक्ष प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त और पर्याप्त पाया गया।
नए स्थान पर और कौन-कौन से पेड़ लगाए जाएंगे
CPWD प्रेरणा स्थल पर केवल सिल्वर ट्रम्पेट ही नहीं, बल्कि अन्य देशी प्रजातियों जैसे नीम, अमलतास, पीपल, बरगद, शीशम और अर्जुन के 10 पौधों का प्रतिपूरक वृक्षारोपण भी करेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नया स्थान सुरक्षा दृष्टिकोण से सुरक्षित हो और परिसर की सौंदर्य और हरियाली बनाए रखी जाए।
सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका
इस फैसले में SPG, CPWD और दिल्ली वन विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रही। SPG प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है। CPWD को पेड़ को प्रत्यारोपित करने का तकनीकी और निर्माण कार्य करना होगा। दिल्ली वन विभाग को यह अनुमति देनी थी कि पेड़ को किसी अन्य स्थान पर प्रत्यारोपित किया जा सके। सभी एजेंसियां मिलकर सुनिश्चित कर रही हैं कि प्रत्यारोपण सुरक्षित, प्रभावी और समय पर हो।