नेपाल में सोशल मीडिया ban के खिलाफ Gen Z आंदोलन में हिंसा भड़की। प्रदर्शनकारियों ने नेताओं के घर फूंक दिए। बढ़ते दबाव के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया। देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी।
Nepal Update: नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ Gen Z आंदोलन ने राजनीतिक स्थिरता को हिला दिया। युवाओं ने कई नेताओं के घर फूंक दिए, जिसमें प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का घर भी शामिल था। बढ़ते दबाव के बीच ओली ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
ओली का पूरा नाम खड्ग प्रसाद शर्मा ओली है और उनका जन्म 23 फरवरी 1952 को पूर्वी नेपाल के तेहराथुम जिले में एक गरीब परिवार में हुआ था। नेपाल में उनकी गिनती एक बड़े नेता के रूप में होती है। ओली कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (UML) के चेयरमैन हैं और 15 जुलाई 2024 से नेपाल के 45वें प्रधानमंत्री के तौर पर चौथी बार कुर्सी संभाल रहे थे।
बचपन और शुरुआती जीवन
ओली की मां का निधन तब हुआ जब वे सिर्फ 4 साल के थे। इसके बाद उनकी दादी ने उनका पालन-पोषण किया। यह बचपन की कठिनाई उनके व्यक्तित्व में दृढ़ता और साहस लेकर आई।
14 साल की उम्र से ही ओली का सियासी सफर शुरू हो गया था। 1966 में उन्होंने राजशाही और पंचायत व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन में भाग लिया। 1970 में ओली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (CPN) में शामिल हुए। जल्द ही उन्होंने झापा आंदोलन (1970-73) में हिस्सा लिया और गिरफ्तार हो गए। इस आंदोलन का मकसद सामाजिक अन्याय और असमानता के खिलाफ संघर्ष करना था।
जेल की जिंदगी और संघर्ष
ओली को 1973 से 1987 तक कुल 14 साल जेल में रहना पड़ा। जेल में बिताए गए समय ने उन्हें और मजबूत बनाया। इनमें से 4 साल उन्होंने सॉलिटरी कॉन्फिनमेंट में बिताए। जेल से निकलने के बाद उन्होंने CPN(ML) में सेंट्रल कमेटी मेंबर के रूप में काम किया और 1990 तक लुंबिनी जोन के इंचार्ज रहे।
राजनीतिक करियर की शुरुआत
1991 में नेपाल में मल्टी-पार्टी सिस्टम लागू हुआ। इसके बाद ओली झापा-6 से संसद पहुंचे। उन्होंने अपने कड़ी मेहनत और रणनीति के जरिए राजनीतिक पहचान बनाई।
1994-95 में वे गृह मंत्री बने और 2006-07 में उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। 2014 में ओली CPN-UML के चेयरमैन बने और 2015 में पहली बार प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुए। इसके बाद वे 2018-2021 और 2021 में कुछ महीनों के लिए फिर प्रधानमंत्री रहे।
कैसे हासिल की PM की कुर्सी
ओली को एक तेज-तर्रात और स्मार्ट लीडर माना जाता है। वे अपने विरोधियों पर तीखे तंज कसते हैं और राजनीतिक गठजोड़ बनाने में माहिर हैं।
2022 के चुनाव में उनकी पार्टी दूसरे नंबर पर रही, लेकिन ओली ने गठबंधन (alliance) रणनीति से सत्ता हासिल की। पहले उन्होंने पुष्प कमल दहाल (प्रचंड) को प्रधानमंत्री बनवाया। बाद में प्रचंड की पार्टी ने नेपाली कांग्रेस का साथ दिया, जिससे गठबंधन टूट गया। फिर ओली ने नेपाली कांग्रेस के समर्थन से 15 जुलाई 2024 को चौथी बार प्रधानमंत्री की कुर्सी हासिल की।
Gen Z आंदोलन और हाल की हिंसा
नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ Gen Z आंदोलन शुरू हुआ। युवा इस कदम को अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (freedom of expression) पर हमला मान रहे थे। आंदोलनकारी संसद भवन और नेताओं के घरों पर हमला करने लगे। इस हिंसा में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का घर भी प्रभावित हुआ। हालात की गंभीरता को देखते हुए ओली ने इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उनकी दुबई जाने की खबरें भी सामने आईं और उनके मंत्रियों ने भी इस्तीफा देने की घोषणा की।
ओली का नेतृत्व
ओली का नेतृत्व विवादास्पद रहा है। एक तरफ वे कुशल रणनीतिकार हैं, तो दूसरी तरफ उनके फैसलों ने राजनीतिक अस्थिरता को भी जन्म दिया। सोशल मीडिया ban और Gen Z आंदोलन इस अस्थिरता का उदाहरण है। ओली कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (UML) के चेयरमैन हैं। उनका राजनीतिक दृष्टिकोण सामाजिक समानता और राष्ट्र की संप्रभुता (sovereignty) पर केंद्रित रहा है। उन्होंने हमेशा युवाओं को राजनीति में शामिल करने और भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाने पर जोर दिया।