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NSE IPO को मिली हरी झंडी, जानिए कब होगा लॉन्च और क्या है निवेश का फायदा

NSE IPO को मिली हरी झंडी, जानिए कब होगा लॉन्च और क्या है निवेश का फायदा

देश के सबसे बड़े शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई का आरंभिक सार्वजनिक पेशकश यानी आईपीओ आने वाला है और इसे लेकर निवेशकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। एनएसई लंबे समय से आईपीओ की योजना बना रहा था, लेकिन कुछ कानूनी और नियामकीय अड़चनों की वजह से यह रुका हुआ था। अब जब इन अड़चनों का समाधान हो चुका है, तो निवेशकों की निगाहें इसके शेयर पर टिक गई हैं।

अनलिस्टेड शेयरों में जबरदस्त डिमांड

एनएसई के आईपीओ की संभावना को देखते हुए अनलिस्टेड शेयर बाजार में इसकी जबरदस्त मांग देखी जा रही है। बीते तीन महीनों में खुदरा निवेशकों की संख्या चार गुना बढ़ गई है। मार्च 2025 तक NSE के खुदरा शेयरधारकों की संख्या करीब 33 हजार थी, जो जून 2025 तक बढ़कर 1.46 लाख हो गई है। इस बढ़त ने बाजार के जानकारों को भी हैरान कर दिया है।

ISIN फ्रीज हटने से निवेशकों को मिली सहूलियत

निवेशकों की इस बढ़ती दिलचस्पी के पीछे एक अहम वजह ISIN फ्रीज का हटना है। 24 मार्च 2025 से NSE ने अपने शेयरों के ISIN ट्रांसफर पर लगी रोक हटा ली है। इससे अब एनएसई के शेयरों की खरीद-बिक्री दूसरे अनलिस्टेड शेयरों की तरह ही आसानी से की जा सकती है। पहले इस प्रक्रिया में तीन महीने तक का समय लगता था, लेकिन अब यह काम एक ही दिन में निपट रहा है।

वेल्थ विस्डम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर कृष्णा पटवारी का कहना है कि अब छोटे निवेशक भी महज 10 शेयरों में निवेश कर रहे हैं, जो खुदरा निवेशकों की बढ़ती रुचि को साफ दिखाता है।

आईपीओ को लेकर SEBI की हरी झंडी

21 जून को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने साफ कहा था कि NSE के आईपीओ को लेकर अब कोई रुकावट नहीं है। NSE ने को-लोकेशन विवाद और डार्क फाइबर मसले पर सेबी को 1388 करोड़ रुपये जमा कराकर लंबित मामले निपटा दिए हैं। ये विवाद लंबे समय से NSE के आईपीओ में सबसे बड़ी रुकावट बने हुए थे।

NSE का शानदार प्रदर्शन बना भरोसे की वजह

एनएसई का पिछला वित्तीय प्रदर्शन भी निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में NSE ने 12188 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जो कि सालाना आधार पर 47 प्रतिशत अधिक है। कंपनी की कुल आय 16 प्रतिशत बढ़कर 17141 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।

कैश इक्विटी, इंडेक्स फ्यूचर्स और इंडेक्स ऑप्शंस जैसे क्षेत्रों में NSE का दबदबा बना हुआ है। कैश इक्विटी सेगमेंट में इसका हिस्सा 94 प्रतिशत, इंडेक्स फ्यूचर्स में 99 प्रतिशत और ऑप्शंस में 88 प्रतिशत तक है।

एक साल में दोगुनी हुई वैल्यू

एनएसई के शेयरों की वैल्यू पिछले एक साल में दोगुनी हो चुकी है। अनलिस्टेड मार्केट में इसकी कीमत में जबरदस्त उछाल आया है। इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन फिलहाल 5.4 लाख करोड़ रुपये के करीब है।

2024 में NSE ने रिकॉर्ड 268 आईपीओ सफलतापूर्वक कराए, जिनसे 1.67 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। इससे यह भी साबित होता है कि NSE की बाजार में मजबूत पकड़ और कुशल संचालन की क्षमता पर निवेशकों का भरोसा है।

बड़े निवेशकों की भी हिस्सेदारी

NSE में खुदरा निवेशकों के साथ-साथ कई बड़े और संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी भी है। जून 2025 तक भारतीय जीवन बीमा निगम यानी LIC के पास एनएसई में 10.72 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अरबपति कारोबारी राधाकिशन दमानी के पास 1.58 प्रतिशत हिस्सा है। इसके अलावा अरांडा इन्वेस्टमेंट्स, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स जैसे संस्थान भी इसमें निवेश कर चुके हैं।

BSE पर हो सकती है लिस्टिंग

अंदाजा लगाया जा रहा है कि एनएसई का आईपीओ वित्त वर्ष 2025-26 की चौथी तिमाही में BSE पर लिस्ट हो सकता है। चूंकि एनएसई खुद एक स्टॉक एक्सचेंज है, इसलिए नियमों के मुताबिक यह खुद को लिस्ट नहीं कर सकता। ऐसे में BSE ही एकमात्र विकल्प है जहां NSE लिस्ट होगा।

छोटे निवेशकों के लिए सुनहरा मौका

आईपीओ से पहले एनएसई के शेयरों की मांग यह संकेत देती है कि खुदरा निवेशक इस मौके को किसी बड़े फायदे के रूप में देख रहे हैं। अब जब शेयरों का ट्रांसफर आसान हो गया है और बाजार में लिक्विडिटी भी बनी हुई है, तो छोटे निवेशक भी बढ़-चढ़कर भागीदारी कर रहे हैं।

अभी तक एनएसई के शेयरों को लेकर जितनी तेजी देखी गई है, वह किसी भी भारतीय कंपनी के अनलिस्टेड स्टॉक में दुर्लभ मानी जा रही है। आने वाले महीनों में जैसे-जैसे आईपीओ की तारीख नजदीक आएगी, वैसे-वैसे बाजार में और अधिक हलचल देखी जा सकती है।

निवेशकों की नजरें अब लॉन्च डेट पर

अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि NSE का आईपीओ कब लॉन्च होगा। सेबी की मंजूरी और विवादों के समाधान के बाद अब कंपनी की ओर से प्रॉस्पेक्टस दाखिल करने और मूल्य निर्धारण जैसी प्रक्रिया की तैयारी की जा रही है।

इससे पहले भी NSE के आईपीओ को लेकर बाजार में काफी उत्सुकता थी, लेकिन यह पहली बार है जब यह उत्साह जमीन पर खुदरा निवेशकों की खरीदारी के रूप में दिख रहा है।

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