नवंबर 2025 की शुरुआत देवउठनी एकादशी से होगी और इस महीने में तुलसी विवाह, देव दीपावली, विवाह पंचमी समेत कई प्रमुख व्रत और त्योहार पड़ेंगे। यह महीना धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि इसी दौरान भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं और मांगलिक कार्यों की पुनः शुरुआत होती है।
November Vrat Tyohar 2025: अक्टूबर के समाप्त होते ही नवंबर 2025 की शुरुआत धार्मिक उत्सवों से भरी होगी। यह महीना 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी से शुरू होगा, जब भगवान विष्णु चतुर्मास की योगनिद्रा से जागते हैं। इसके बाद 2 नवंबर को तुलसी विवाह, 5 नवंबर को देव दीपावली और गुरु नानक जयंती, तथा 25 नवंबर को विवाह पंचमी जैसे प्रमुख पर्व मनाए जाएंगे। पूरा महीना व्रत, स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों से भरा रहेगा।
देवउठनी एकादशी से होगी महीने की शुरुआत
नवंबर की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से होगी। इस दिन देवउठनी एकादशी का पर्व मनाया जाएगा। इस तिथि का विशेष महत्व है क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागकर सृष्टि संचालन का कार्यभार संभालते हैं। इस वर्ष देवउठनी एकादशी 1 नवंबर, शनिवार को मनाई जाएगी। यह तिथि 1 नवंबर को सुबह 09:11 बजे से शुरू होकर 2 नवंबर, रविवार को सुबह 07:31 बजे तक रहेगी।
तुलसी विवाह का पावन पर्व
देवउठनी एकादशी के अगले दिन ही तुलसी विवाह का आयोजन किया जाएगा। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष तुलसी विवाह 2 नवंबर, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन तुलसी माता और भगवान शालिग्राम का विवाह किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि तुलसी विवाह के साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत का शुभ समय प्रारंभ हो जाता है।
विवाह पंचमी का शुभ पर्व
विवाह पंचमी भगवान राम और माता सीता के पवित्र मिलन का प्रतीक पर्व है। यह दिन मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा की जाती है और कई जगहों पर रामचरितमानस का पाठ किया जाता है। इस वर्ष विवाह पंचमी 25 नवंबर, मंगलवार को पड़ेगी।
नवंबर 2025 के सभी प्रमुख व्रत और त्योहार
- 1 नवंबर – देवउठनी एकादशी।
- 2 नवंबर – तुलसी विवाह।
- 3 नवंबर – सोम प्रदोष व्रत।
- 4 नवंबर – मणिकर्णिका स्नान।
- 5 नवंबर – कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, गुरु नानक जयंती।
- 6 नवंबर – मार्गशीर्ष मास प्रारंभ।
- 7 नवंबर – रोहिणी व्रत।
- 8 नवंबर – संकष्टी चतुर्थी, सौभाग्य सुंदरी तीज।
- 12 नवंबर – कालभैरव जयंती।
- 15 नवंबर – उत्पन्ना एकादशी।
- 16 नवंबर – वृश्चिक संक्रांति।
- 17 नवंबर – सोम प्रदोष व्रत।
- 18 नवंबर – मासिक शिवरात्रि।
- 20 नवंबर – मार्गशीर्ष अमावस्या।
- 21 नवंबर – चंद्र दर्शन।
- 25 नवंबर – विवाह पंचमी।
- 28 नवंबर – दुर्गाष्टमी व्रत।
नवंबर का महीना धर्म और आस्था से भरा रहेगा। पूरे महीने में पूजा, व्रत और त्योहारों का सिलसिला चलता रहेगा जो श्रद्धालुओं के लिए शुभ फलदायक माना जाता है।
 
                                                                        
                                                                             
                                                












