वॉशिंगटन डीसी: अमेरिकी संसद के निचले सदन, हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स ने हाल ही में 'वन बिग, ब्यूटीफुल बिल एक्ट' को पारित कर दिया है। इस 1,116 पृष्ठों वाले विधेयक में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैक्स और सीमा सुरक्षा नीतियों की झलक साफ नजर आती है। इस बिल के अंतर्गत रेमिटेंस टैक्स को मौजूदा 5% से घटाकर 3.5% कर दिया गया है, जिससे अमेरिका में रह रहे लाखों विदेशी कामगारों को सीधी राहत मिलेगी।
2026 से लागू होगा नया टैक्स रेट
नया रेमिटेंस टैक्स 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा। रेमिटेंस टैक्स वह शुल्क है, जो विदेश में काम करने वाले व्यक्ति द्वारा अपने देश में पैसा भेजने पर लगता है। भारतीय प्रवासियों के लिए यह फैसला विशेष रूप से अहम है, क्योंकि अमेरिका में रहने वाले अप्रवासी भारतीयों की संख्या 29 लाख से अधिक है।
भारतीयों पर सीधा असर
अमेरिका में भारतीय मूल के लोग, खासतौर पर ग्रीन कार्ड धारक और वर्क वीजा होल्डर, इस टैक्स से प्रभावित होंगे। हालांकि, अमेरिकी नागरिकों को इससे छूट दी गई है। इसका मतलब है कि यदि कोई भारतीय नागरिक अमेरिका में रहकर अपनी कमाई में से 5000 रुपये भारत भेजता है, तो उस पर अब 3.5% टैक्स देना होगा, जो पहले 5% था।
बिल में ट्रंप की नीति की झलक
इस बिल में ट्रंप की 2017 की टैक्स कट्स पॉलिसी को आगे बढ़ाने की झलक मिलती है। बिल की भाषा और नीति दोनों ही रिपब्लिकन प्राथमिकताओं को दर्शाते हैं, जिनमें सीमाओं पर नियंत्रण और करदाताओं को राहत देना शामिल है। रेमिटेंस टैक्स में कटौती को इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
प्रवासी भारतीयों को लाभ
Migration Policy Institute के मुताबिक, अमेरिका प्रवास के मामले में भारत, मैक्सिको के बाद दूसरे नंबर पर है। अमेरिका में रहने वाले सभी विदेशी मूल के निवासियों में भारतीयों की हिस्सेदारी लगभग 6% है। ऐसे में रेमिटेंस टैक्स में यह कटौती भारतीय समुदाय के लिए आर्थिक रूप से राहत लेकर आई है।