Pune

Operation Sindoor पर संसद में महाबहस की तैयारी, 29 जुलाई को राज्यसभा में होगी चर्चा, सरकार और विपक्ष आमने-सामने

Operation Sindoor पर संसद में महाबहस की तैयारी, 29 जुलाई को राज्यसभा में होगी चर्चा, सरकार और विपक्ष आमने-सामने

राज्यसभा में 29 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी। लोकसभा में बहस 28 जुलाई को होगी। प्रधानमंत्री मोदी सहित शीर्ष नेता भाग लेंगे। विपक्ष ने बहस के दौरान प्रधानमंत्री की मौजूदगी की मांग की है।

Parliament on Operation Sindoor: संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा विमर्श होने जा रहा है। राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) ने 29 जुलाई को उच्च सदन में इस मुद्दे पर विशेष चर्चा का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी इस बहस में शामिल होने की संभावना है। सरकार ने दोनों सदनों में इस विषय पर कुल 16 घंटे की चर्चा का समय निर्धारित किया है। विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री स्वयं इस विषय पर जवाब दें।

29 जुलाई को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा

राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (Business Advisory Committee) की बैठक बुधवार को हुई जिसमें यह निर्णय लिया गया कि ऑपरेशन सिंदूर पर आगामी 29 जुलाई को चर्चा कराई जाएगी। समिति ने बहस के लिए आवश्यक समय निर्धारित कर दिया है और इसे उच्च प्राथमिकता दी गई है। संसद के चालू मानसून सत्र में इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक गर्माहट पहले से ही देखी जा रही थी।

लोकसभा में भी होगी चर्चा, कुल 16 घंटे का समय तय

इस मुद्दे पर केवल राज्यसभा ही नहीं, बल्कि लोकसभा में भी विशेष चर्चा का प्रस्ताव रखा गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 28 जुलाई को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की शुरुआत होगी। सरकार ने दोनों सदनों में कुल मिलाकर 16 घंटे का समय इस विषय पर चर्चा के लिए निर्धारित किया है। माना जा रहा है कि यह बहस देश की सुरक्षा नीति और विदेश नीति को लेकर एक अहम मोड़ साबित हो सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी के शामिल होने की उम्मीद

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बहस में हिस्सा ले सकते हैं। उनके साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भी बोलने की संभावना है। यह भी माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री सदन को इस ऑपरेशन की रणनीति, उद्देश्य और सफलता के बारे में विस्तृत जानकारी दे सकते हैं।

विपक्ष की मांग: प्रधानमंत्री दें जवाब

विपक्ष लगातार इस बात की मांग कर रहा है कि प्रधानमंत्री स्वयं इस विषय पर संसद में बयान दें। विपक्षी दलों का आरोप है कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे गंभीर विषय पर सरकार पारदर्शिता नहीं दिखा रही है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि वे संसद में उपस्थित रहें और देश को भरोसा दिलाएं।

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर क्या है विवाद

हालांकि सरकार की ओर से अभी तक ऑपरेशन सिंदूर के बारे में आधिकारिक विवरण सार्वजनिक रूप से नहीं दिया गया है, लेकिन यह माना जा रहा है कि यह एक सामरिक और कूटनीतिक मिशन था जो भारत की अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नीति से जुड़ा है। इस ऑपरेशन को लेकर ट्रंप के बयान से भी विवाद गहरा गया है। ट्रंप ने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में उनकी अहम भूमिका रही है।

डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर विपक्ष का हमला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कांग्रेस का कहना है कि ट्रंप पिछले 73 दिनों में 25 बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाक तनाव को कम किया। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मोदी इन दावों पर चुप हैं और उनकी चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। विपक्षी नेताओं का यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री देश में लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रहे हैं और उन्हें केवल विदेश यात्राओं की फिक्र है।

Leave a comment