केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 10 लाख घर बनाने को लेकर बातचीत चल रही है। करीब 500 बिलियन डॉलर (41 लाख करोड़ रुपये) की इस परियोजना में भारतीय कामगारों को ट्रेनिंग देकर रोजगार मिलेगा। भारत ने इसके लिए यूएई से वित्तीय सहयोग का प्रस्ताव भी रखा है।
Employment in Australia: केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच करीब 500 बिलियन डॉलर (41 लाख करोड़ रुपये) की परियोजना पर बातचीत चल रही है, जिसके तहत 10 लाख घरों का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में भारतीय कामगारों को ऑस्ट्रेलिया भेजकर स्थानीय मानकों के हिसाब से ट्रेनिंग दी जाएगी और उन्हें निर्माण कार्य में लगाया जाएगा। इस पहल से ऑस्ट्रेलिया में मकानों की कमी दूर होगी और भारतीय श्रमिकों के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार अवसर बनेंगे। गोयल ने बताया कि इसके लिए भारत ने यूएई से वित्तीय सहयोग का भी प्रस्ताव रखा है।
भारतीय कामगारों को मिलेगा रोजगार
गोयल ने बताया कि इस परियोजना के तहत भारतीय कामगारों को ऑस्ट्रेलिया भेजा जाएगा। वहां उन्हें स्थानीय मानकों के अनुसार ट्रेनिंग दी जाएगी और इसके बाद वे घरों का निर्माण करेंगे। इस पहल से लाखों भारतीयों के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ ही उन्हें वैश्विक स्तर पर काम करने का अनुभव भी मिलेगा।
ऑस्ट्रेलिया में घरों की भारी कमी
ऑस्ट्रेलिया लंबे समय से हाउसिंग संकट का सामना कर रहा है। मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन की वजह से वहां मकानों की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। यही कारण है कि हाउसिंग मुद्दा हाल ही में हुए चुनावों में भी प्रमुख रहा। भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी इस संकट का समाधान निकालने में मददगार साबित हो सकती है।
भारत की बढ़ती भूमिका
यह परियोजना भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को भी दर्शाती है। अब भारत केवल घरेलू स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बुनियादी ढांचे और आवास परियोजनाओं में भागीदारी कर रहा है। इससे भारत की श्रम शक्ति और तकनीकी दक्षता को पहचान मिल रही है। साथ ही भारतीय कामगारों के लिए विदेशों में रोजगार के दरवाजे भी खुल रहे हैं।
दोनों देशों के लिए फायदेमंद
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह साझेदारी दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकती है। जहां एक ओर ऑस्ट्रेलिया को घरों की भारी कमी से राहत मिलेगी, वहीं भारत के हजारों कामगारों को स्थायी और सम्मानजनक रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही भारत की निर्माण क्षमता और श्रमिक कौशल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी।
यूएई से मांगा सहयोग
इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए भारत ने संयुक्त अरब अमीरात से भी सहयोग मांगा है। पीयूष गोयल ने बताया कि उन्होंने यूएई के व्यापार मंत्री थानी बिन अहमद अल ज़ेयौदी से मुलाकात की है और इस परियोजना में वित्तीय सहयोग देने का प्रस्ताव रखा है। यूएई पहले से ही भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा निवेशक रहा है। ऐसे में उसकी साझेदारी इस परियोजना को मजबूती दे सकती है।
वैश्विक साझेदारी का हिस्सा
भारत हाल के वर्षों में लगातार वैश्विक स्तर पर नए समझौते कर रहा है। गोयल ने जानकारी दी कि अगले दो हफ्तों में ओमान के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। दो महीने में न्यूजीलैंड के साथ करार होने की उम्मीद है। साल के अंत तक यूरोपीय संघ के साथ भी समझौता होने की संभावना है। इसके अलावा कतर, पेरू और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश भी भारत से व्यापार समझौते को लेकर बातचीत कर रहे हैं।