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PM मोदी की मालदीव यात्रा में दिखा गहरा भरोसा, मुइज्जू ने सराहा, चीन ने जताई नाराजगी

PM मोदी की मालदीव यात्रा में दिखा गहरा भरोसा, मुइज्जू ने सराहा, चीन ने जताई नाराजगी

PM मोदी की मालदीव यात्रा में राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत को सबसे भरोसेमंद मित्र बताया। भारत ने 4800 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की। चीन इस साझेदारी से असहज नजर आया और मीडिया रिपोर्ट्स पर नाराजगी जताई।

Modi Maldives Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया मालदीव यात्रा ने दक्षिण एशिया में कूटनीतिक समीकरणों को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। यह यात्रा खास इसलिए रही क्योंकि पीएम मोदी को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद यह किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की पहली मालदीव यात्रा थी, जो अपने आप में एक बड़ा संदेश देती है।

भारत को बताया 'भरोसेमंद मित्र'

मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने इस मौके पर भारत के प्रति विशेष सम्मान और विश्वास जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने भारत को "भरोसेमंद दोस्त" और "First Responder" बताया, जो हर संकट की घड़ी में मालदीव के साथ खड़ा रहता है। जबकि कुछ ही समय पहले मुइज्जू चीन के पक्ष में भी खुलकर बोल चुके थे, जिससे यह बयान और अधिक महत्वपूर्ण बन जाता है।

विकास साझेदारी पर बड़ा ऐलान

प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा के दौरान मालदीव के साथ विकासात्मक सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने 565 मिलियन डॉलर यानी लगभग 4800 करोड़ रुपये की क्रेडिट लाइन की घोषणा की। इसके अलावा भारत और मालदीव के बीच Free Trade Agreement (FTA) पर बातचीत शुरू करने की भी पहल की गई है। ये घोषणाएं भारत-मालदीव द्विपक्षीय संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का संकेत देती हैं।

चीन को लगी मिर्ची, एक्सपर्ट्स ने जताई नाराजगी

भारत और मालदीव की यह बढ़ती नजदीकी चीन को रास नहीं आई। चीनी मुखपत्र Global Times ने इस यात्रा की आलोचना करते हुए भारतीय मीडिया पर निशाना साधा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय मीडिया ने इस दौरे को चीन की मालदीव पर पकड़ कमजोर होने के रूप में पेश किया है। ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय कवरेज को 'Zero-sum mindset' का उदाहरण बताया और कहा कि यह नजरिया पुराना और आउटडेटेड है।

चीनी विशेषज्ञों ने दिया कड़ा बयान

Tsinghua University के National Strategy Institute के रिसर्च डायरेक्टर कियान फेंग ने कहा कि भारतीय मीडिया इस यात्रा को किसी जीत-हार के रूप में दिखा रहा है, जबकि यह दृष्टिकोण वैश्विक कूटनीति के लिए नुकसानदायक है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मालदीव अभी भी चीन के Belt and Road Initiative (BRI) का हिस्सा है और वह संतुलित विदेश नीति पर जोर देता है।

चीन की चिंता के पीछे की वजह

मालदीव हिंद महासागर में एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश है। चीन पहले से ही BRI के जरिए वहां अपने प्रभाव को मजबूत करने में लगा है। ऐसे में भारत का यह कूटनीतिक कदम उसे परेशान कर रहा है। साथ ही मुइज्जू द्वारा भारत के समर्थन में दिए गए बयानों से चीन को यह संकेत मिला है कि मालदीव की नीति अब संतुलन की ओर झुक रही है।

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