हापुड़ में सरकारी स्कूल की छत गिरने की घटना पर मनीष सिसोदिया ने BJP को घेरा। उन्होंने कहा कि पार्टी को 5 स्टार दफ्तर बनवाने का शौक है, लेकिन स्कूलों की हालत की कोई परवाह नहीं।
Sisodia Attacks BJP: देश में लगातार सरकारी स्कूलों की खस्ताहाल इमारतें एक गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही हैं। शनिवार को राजस्थान और रविवार को उत्तर प्रदेश के हापुड़ से स्कूल की छत गिरने की घटनाओं ने इन हालातों को उजागर कर दिया है। इन घटनाओं के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला है।
हापुड़ में स्कूल की छत गिरी, बच्चों पर गिरा मलबा
रविवार को उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के भमेंडा गांव में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से बच्चे मलबे में दब गए। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जान नहीं गई, लेकिन यह घटना सरकारी स्कूलों की बदहाल व्यवस्था का आईना जरूर बन गई। बताया गया कि बच्चे कक्षा में पढ़ रहे थे जब अचानक छत का हिस्सा उनके ऊपर गिर गया।
राजस्थान में भी हुआ हादसा
इससे एक दिन पहले, शनिवार को राजस्थान के झालावाड़ में भी इसी तरह का मामला सामने आया था, जहां स्कूल की छत का एक हिस्सा गिर गया था। इन दोनों घटनाओं ने मिलकर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या देश के सरकारी स्कूल बच्चों के लिए सुरक्षित हैं।
मनीष सिसोदिया ने BJP पर बोला तीखा हमला
AAP नेता मनीष सिसोदिया ने इन घटनाओं को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हापुड़ और झालावाड़ जैसी घटनाएं यह साबित करती हैं कि सरकारी स्कूलों की इमारतें बच्चों की ज़िंदगी के लिए खतरा बन चुकी हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि BJP को अपने पांच सितारा पार्टी दफ्तर बनवाने का शौक है, लेकिन स्कूलों की हालत सुधारने में कोई दिलचस्पी नहीं।
"अगर स्कूल प्राथमिकता होते, तो बच सकते थे मासूम" – सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा कि BJP की प्राथमिकता सिर्फ अपने आलीशान दफ्तर हैं। हर जिले में इनके पार्टी ऑफिस पांच सितारा होटलों की तरह बन रहे हैं, लेकिन स्कूलों की बिल्डिंगें जर्जर पड़ी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर सरकारी स्कूल भाजपा की प्राथमिकता होते, तो शायद हापुड़ और झालावाड़ जैसी घटनाएं रोकी जा सकती थीं।
संजय सिंह का बयान – "यह हादसा नहीं, सरकार की लापरवाही है"
मनीष सिसोदिया ने AAP सांसद संजय सिंह के बयान को भी सोशल मीडिया पर साझा किया। संजय सिंह ने कहा कि हापुड़ के भमेंडा गांव में सरकारी स्कूल की छत का गिरना कोई साधारण हादसा नहीं, बल्कि सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा है। उन्होंने कहा कि मासूम बच्चों पर लेंटर का मलबा गिरा, यह स्पष्ट करता है कि सरकारी स्कूलों में सुरक्षा के बुनियादी इंतजाम भी नहीं हैं।