योगी सरकार ने यूपी पुलिस, पीएसी, घुड़सवार आरक्षी और फायरमैन भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को 20% आरक्षण देने का फैसला किया है। यह नियम 2026 से लागू होगा।
UP Agniveer Reservation: उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस, पीएसी, घुड़सवार आरक्षी और फायरमैन की भर्तियों में पूर्व अग्निवीरों को 20 प्रतिशत आरक्षण देने का बड़ा फैसला लिया है। यह कदम उन युवाओं के लिए रोजगार का नया अवसर लेकर आया है, जिन्होंने चार साल देश की सेवा की है।
अग्निवीरों को आरक्षण देने का फैसला
उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस विभाग में भर्ती के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब प्रदेश में पुलिस, पीएसी (Provincial Armed Constabulary), घुड़सवार आरक्षी और फायरमैन की भर्तियों में पूर्व अग्निवीरों को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। यह आदेश राज्य के प्रमुख सचिव, गृह संजय प्रसाद ने जारी किया है।
इस फैसले का मकसद उन युवाओं को नौकरी के अवसर प्रदान करना है, जो केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना के तहत सेना में चार साल तक देश की सेवा कर चुके हैं।
अग्निवीर योजना क्या है?
अग्निवीर योजना केंद्र सरकार की एक पहल है, जिसमें युवाओं को चार साल के लिए सेना में शामिल किया जाता है। इस अवधि में वे देश की सेवा करते हैं और फिर सेवामुक्त हो जाते हैं। इस योजना का मकसद युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण देना और उन्हें देशभक्ति की भावना से लैस करना है।
सेवामुक्त होने के बाद इन युवाओं को नए जीवन के लिए रोजगार और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना भी सरकार की प्राथमिकता है। इसी दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस भर्ती में पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षण का फैसला लिया है।
भर्ती प्रक्रिया में कौन-कौन शामिल होंगे?
यह आरक्षण 2026 और उसके बाद सेवामुक्त होने वाले अग्निवीरों के लिए लागू होगा। इनमें वे युवा शामिल होंगे जिन्होंने चार साल की सेवा पूरी कर अग्निवीर योजना से बाहर आए हैं। पुलिस भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को तीन साल की अधिकतम आयु सीमा छूट भी दी जाएगी, जो कि पहले से सैनिकों को दी जाती है। इसका मतलब यह हुआ कि भर्ती के लिए उम्र सीमा में वे अतिरिक्त तीन साल का फायदा उठा सकेंगे।
इसके अलावा, भर्ती प्रक्रिया में पूर्व अग्निवीरों को उसी श्रेणी में भर्ती का मौका मिलेगा, जिस श्रेणी में वे आवेदन करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई अग्निवीर सामान्य श्रेणी का है, तो उसे सामान्य श्रेणी में ही आरक्षण मिलेगा।
योगी सरकार की कैबिनेट ने दी मंजूरी
उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने 3 जून, 2025 को हुई बैठक में यह निर्णय लिया था। कैबिनेट ने साफ किया कि भर्ती में कुल आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी, ताकि आरक्षण व्यवस्था में संतुलन बना रहे।
यह फैसला सामाजिक न्याय और युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे पुलिस विभाग में अनुशासन, प्रशिक्षण और देशभक्ति की भावना वाले जवानों की संख्या बढ़ेगी।