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ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट: डीआरआई का बड़ा एक्शन, पाकिस्तान से भारत आ रहे 39 कंटेनर जब्त

ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट: डीआरआई का बड़ा एक्शन, पाकिस्तान से भारत आ रहे 39 कंटेनर जब्त

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने ‘ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट’ नामक एक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसका मकसद तीसरे देशों खासतौर पर दुबई और यूएई के जरिए पाकिस्तानी मूल के सामान के अवैध आयात को रोकना है।

नई दिल्ली: पाकिस्तान से भारत में अवैध तरीके से भेजे जा रहे माल की खेप पर राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने बड़ी कार्रवाई की है। ‘ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट’ नाम के अभियान के तहत डीआरआई ने 39 शिपिंग कंटेनरों को न्हावा शेवा बंदरगाह पर जब्त कर लिया, जिनमें करीब 1115 मीट्रिक टन माल भरा हुआ था। अधिकारियों के मुताबिक इन कंटेनरों की अनुमानित कीमत 9 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह माल भारतीय आयात नीति और सरकार के प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए भारत भेजा गया था।

कैसे हुआ खुलासा?

सूत्रों के मुताबिक, डीआरआई को पिछले कुछ समय से इनपुट मिल रहे थे कि पाकिस्तान में निर्मित वस्तुएं दुबई के रास्ते भारत भेजी जा रही हैं। दरअसल, भारत सरकार ने 2 मई 2025 को पहलगाम आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान से हर तरह के व्यापार पर रोक लगा दी थी। इससे पहले पाकिस्तान से आयात होने वाले माल पर 200 फीसदी तक कस्टम ड्यूटी लगती थी। इस प्रतिबंध के बावजूद कुछ आयातक पाकिस्तान में बने सामानों को यूएई के जरिये भारत भेजकर सरकार की नीति को दरकिनार करने की कोशिश कर रहे थे।

डीआरआई ने इस पूरे नेटवर्क पर नजर रखी और जांच में पाया कि पाकिस्तान के कराची बंदरगाह से कंटेनरों को दुबई (जेबेल अली पोर्ट) लाया गया, जहां से उन्हें अलग-अलग जहाजों और कंटेनरों में लोड करके भारत भेजा गया। इस दौरान शिपिंग डॉक्यूमेंट्स में माल का देश-उत्पत्ति (Country of Origin) यूएई दर्शाया गया ताकि पाकिस्तान की पहचान को छिपाया जा सके।

कैसे पकड़ी गई साजिश?

जांच अधिकारियों के मुताबिक इन कंटेनरों में मौजूद माल की पैकिंग, लेबलिंग और उत्पादन के कई साक्ष्यों से स्पष्ट था कि यह पाकिस्तान में बना है। डीआरआई ने आयात दस्तावेजों का बारीकी से मिलान किया तो उसमें कई गड़बड़ियां मिलीं। इसके बाद 39 कंटेनरों को जब्त कर लिया गया और मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी गई।

26 जून को डीआरआई ने इस मामले में शामिल एक इंपोर्टिंग फर्म के सहयोगी को गिरफ्तार भी किया है, जिससे पूछताछ जारी है। डीआरआई का मानना है कि इस रैकेट में कई और लोग और कारोबारी भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी पहचान के लिए जांच तेज कर दी गई है।

बार-बार तोड़े जा रहे हैं प्रतिबंध

गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही व्यापार संबंध बेहद सीमित हैं। 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से अधिकतर वस्तुओं के आयात पर 200 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगाई थी। इसके बाद 2 मई 2025 को पहलगाम हमलों के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार को पूरी तरह से रोक दिया गया। लेकिन पाकिस्तान के कारोबारी और कुछ भारतीय आयातक मिलकर इन पाबंदियों को दरकिनार करने की तरकीबें निकाल रहे हैं।

डीआरआई अधिकारियों का कहना है कि यह ‘सर्किट रूटिंग’ का मामला है, जिसमें माल को पाकिस्तान से सीधे भारत भेजने के बजाय तीसरे देश के जरिये शिप किया जाता है ताकि प्रतिबंधों से बचा जा सके।

जांच एजेंसियां अब इस बात की भी पड़ताल कर रही हैं कि कहीं इस माल में खतरनाक सामग्री तो नहीं थी या फिर इसमें किसी आतंकी फंडिंग का एंगल तो नहीं जुड़ा हुआ। डीआरआई सूत्रों का कहना है कि जब्त किए गए सामान का वैज्ञानिक परीक्षण भी कराया जाएगा। इसके अलावा और कितनी खेप भारत लाई गई या लाई जा रही है, इसका पता लगाने के लिए कई बंदरगाहों पर अलर्ट जारी कर दिया गया है।

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