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ऑपरेशन सिंदूर के बाद साइबर अटैक का बढ़ा खतरा: खुद को सुरक्षित रखने के 5 आसान टिप्स

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से साइबर हमले की आशंका बढ़ी है। ऐसे में खुद को ऑनलाइन सुरक्षित रखने के लिए 5 जरूरी साइबर सेफ्टी टिप्स अपनाना बेहद जरूरी है।

क्राइम न्यूज़: भारत सरकार द्वारा हाल ही में चलाए गए "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद पाकिस्तान में बौखलाहट साफ देखी जा रही है। इस ऑपरेशन ने न सिर्फ आतंकवादियों की कमर तोड़ी है, बल्कि पाकिस्तान की रणनीतिक असफलताओं को भी उजागर कर दिया है। अब रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान भारत पर साइबर हमले तेज कर सकता है। ऐसे में भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। लोगों को भी अपनी डिजिटल सेफ्टी को लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

सरकार की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई है, जिसमें लोगों और संस्थानों को संभावित साइबर हमलों से सावधान रहने और डिजिटल सुरक्षा बढ़ाने की सलाह दी गई है। अगर आप भी इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ आसान स्टेप्स को अपनाकर अपने डेटा और डिवाइस को सुरक्षित रख सकते हैं।

मजबूत पासवर्ड बनाना है जरूरी

जब भी आप सोशल मीडिया, बैंकिंग या ईमेल जैसे किसी भी ऑनलाइन अकाउंट में लॉगइन करते हैं, तो आपकी सबसे पहली सुरक्षा लाइन होती है – पासवर्ड। अगर ये पासवर्ड कमजोर है या बहुत आसान है, जैसे '123456' या 'password', तो हैकर्स इसे बहुत आसानी से पता लगा सकते हैं। इससे आपका पर्सनल डेटा, फोटोज, बैंक की जानकारी और जरूरी दस्तावेज चोरी हो सकते हैं।

इसलिए जरूरी है कि आप हमेशा एक मजबूत पासवर्ड बनाएं। मजबूत पासवर्ड ऐसा होना चाहिए जिसे कोई भी आसानी से न तोड़ सके। इसके लिए पासवर्ड में बड़े अक्षर (A-Z), छोटे अक्षर (a-z), नंबर (0-9) और स्पेशल कैरेक्टर (@, #, $, ! आदि) जरूर शामिल करें।

हर 2-3 महीने में पासवर्ड को बदलना भी अच्छी आदत होती है। और ध्यान रखें – एक ही पासवर्ड को अलग-अलग वेबसाइट्स या ऐप्स में इस्तेमाल न करें। क्योंकि अगर एक अकाउंट हैक हो गया, तो बाकी सब भी खतरे में पड़ सकते हैं।

अनजान लिंक या ईमेल से रहें दूर

आजकल हैकर्स फिशिंग अटैक के जरिए लोगों को धोखा देने की कोशिश करते हैं। वे आपको ऐसा ईमेल, SMS या WhatsApp मैसेज भेज सकते हैं जिसमें कोई खतरनाक लिंक हो। जैसे ही आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं, आपका मोबाइल या कंप्यूटर वायरस से संक्रमित हो सकता है या आपकी निजी जानकारी जैसे पासवर्ड, बैंक डिटेल्स चोरी हो सकती हैं। कई बार ये ईमेल या मैसेज इतने असली लगते हैं कि हमें शक तक नहीं होता, लेकिन एक छोटी सी गलती से बड़ा नुकसान हो सकता है।

इसलिए जरूरी है कि आप अनजान या संदिग्ध लिंक से दूर रहें। कभी भी किसी ऐसे लिंक पर क्लिक न करें जो किसी अनजाने नंबर या अजीब ईमेल आईडी से आया हो। लिंक पर जाने से पहले डोमेन नाम ध्यान से पढ़ें – जैसे abc@gov.in और abc@govt.in में छोटा फर्क भी बहुत बड़ा होता है। अगर आपको किसी लिंक पर शक हो, तो उसे न खोलें और तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें। सतर्क रहकर आप खुद को और अपने डिवाइस को सुरक्षित रख सकते हैं।

सॉफ्टवेयर और एप्स को करें टाइम-टू-टाइम अपडेट

जब हम अपने फोन, लैपटॉप या किसी एप को लंबे समय तक अपडेट नहीं करते, तो उनमें पुराने बग्स और कमजोरियां बनी रहती हैं। इन्हीं कमजोरियों का फायदा उठाकर हैकर्स आपके डिवाइस में घुस सकते हैं। हर नया अपडेट सिर्फ नए फीचर्स के लिए नहीं होता, बल्कि उसमें सिक्योरिटी पैच भी होते हैं जो आपको नए साइबर खतरों से बचाते हैं।

इसलिए जरूरी है कि आप अपने सभी डिवाइस और एप्स को समय-समय पर अपडेट करते रहें। सबसे अच्छा तरीका है कि अपने फोन और लैपटॉप में ऑटो अपडेट का विकल्प ऑन कर दें, ताकि जब भी कोई नया अपडेट आए, वह खुद-ब-खुद इंस्टॉल हो जाए। साथ ही हमेशा एप्स को गूगल प्ले स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें, किसी थर्ड-पार्टी या फर्जी वेबसाइट से नहीं। ये छोटी-छोटी सावधानियां आपको बड़े खतरे से बचा सकती हैं।

पब्लिक Wi-Fi से बनाएं दूरी

जब आप किसी मॉल, कैफे या एयरपोर्ट जैसी जगहों पर फ्री Wi-Fi से जुड़ते हैं, तो आपको लगता है कि इंटरनेट फ्री में मिल रहा है। लेकिन यही Wi-Fi नेटवर्क आपकी प्राइवेसी के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। इन ओपन नेटवर्क्स को हैक करना आसान होता है, जिससे हैकर्स आपकी पर्सनल डिटेल्स, पासवर्ड या बैंकिंग जानकारी चुरा सकते हैं।

इसलिए जरूरी है कि आप फ्री Wi-Fi का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करें। अगर बहुत जरूरी हो, तो VPN का उपयोग करें जिससे आपकी ऑनलाइन एक्टिविटी सुरक्षित रहे। पब्लिक Wi-Fi पर कभी भी ऑनलाइन शॉपिंग, बैंकिंग या पासवर्ड से जुड़ा कोई भी काम न करें। थोड़ा सतर्क रहकर आप साइबर फ्रॉड से खुद को बचा सकते हैं।

टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को करें एक्टिवेट

टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) आपके अकाउंट्स को एक्स्ट्रा सुरक्षा देता है। जब आप पासवर्ड डालते हैं, तो उसके बाद एक और स्टेप होता है – आपके मोबाइल या ईमेल पर एक कोड (OTP) आता है जिसे डालने पर ही आप लॉगिन कर सकते हैं। इससे अगर किसी को आपका पासवर्ड पता भी चल जाए, तब भी वो आपके अकाउंट में घुस नहीं सकता।

आप बैंक, ईमेल और सोशल मीडिया जैसे जरूरी अकाउंट्स में 2FA ज़रूर ऑन करें। इसके लिए आप Google Authenticator या Authy जैसे ऐप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये एक आसान लेकिन बहुत प्रभावी तरीका है जिससे आप ऑनलाइन धोखाधड़ी और हैकिंग से बच सकते हैं। सतर्क रहें और अपने डेटा की सुरक्षा को मजबूत बनाएं।

अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट्स को चेक करें, पासवर्ड अपडेट करें, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन करें और अपने डिवाइस को लेटेस्ट वर्जन में अपडेट रखें। अगर कोई संदिग्ध लिंक या ईमेल मिले तो उसे इग्नोर करें और 1930 पर रिपोर्ट करें।

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