समाजवादी पार्टी के विधायक नवाब जान खान ने रामपुर में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके परिवार से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने आगामी 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की, जिससे पश्चिमी यूपी में सियासी हलचल तेज हो गई।
रायपुर: पश्चिमी यूपी में सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक नवाब जान खान ने रामपुर में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके परिवार से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने आगामी 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की और चुनाव तैयारियों की रणनीति पर मंथन किया।
सूत्रों के मुताबिक, नवाब जान खान अपने परिवार के साथ आजम खान के आवास पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी शाइस्ता बेगम और बेटे अब्दाल खान भी मौजूद थे। आजम खान परिवार ने सपा विधायक का गर्मजोशी से स्वागत किया। आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम भी इस मुलाकात में मौजूद रहे।
चुनावी रणनीति और सीटों पर मंथन
दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक मुलाकात हुई। इस दौरान नवाब जान और आजम खान ने रामपुर के ठाकुरद्वारा और आसपास के मंडल की सभी विधानसभा सीटों को लेकर रणनीति तैयार की। आजम खान ने नवाब जान को अभी से चुनाव तैयारियों में सक्रिय होने का निर्देश दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस मुलाकात का उद्देश्य पश्चिमी यूपी में सपा की स्थिति मजबूत करना और उम्मीदवार तय करने की रणनीति तैयार करना था। जेल से रिहाई के बाद आजम खान सक्रिय रूप से सपा नेताओं के साथ संपर्क बना रहे हैं और पार्टी के चुनावी रणनीति में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
आजम खान की रिहाई से पश्चिमी यूपी में हलचल

दरअसल, आजम खान की जेल से रिहाई और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के उनके आवास पर दौरे के बाद से ही पश्चिमी यूपी में सियासी हलचल तेज हो गई है। उनके समर्थक और हाशिए पर रहे नेता अब सक्रिय होने लगे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, आजम खान का रामपुर, मुरादाबाद और आसपास के इलाकों में प्रभाव पार्टी के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। आगामी चुनाव में किसे टिकट मिलेगा और किसे नहीं, यह काफी हद तक आजम खान की सहमति पर निर्भर हो सकता है।
सपा नेताओं की सक्रियता और चुनावी रणनीति पर बैठक
आजम खान और नवाब जान की यह मुलाकात केवल औपचारिक नहीं थी। इसमें चुनावी रणनीति, सीट बंटवारा और स्थानीय सपा नेताओं की सक्रियता को लेकर मंथन किया गया। इससे संकेत मिलता है कि पार्टी पश्चिमी यूपी में आगामी चुनावों में मजबूत पैठ बनाने के लिए तैयारियों को गति दे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की रणनीतिक बैठकों से सपा के लिए चुनाव में संगठित और प्रभावशाली अभियान चलाने में मदद मिलेगी।













