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रियल एस्टेट में भारत ने किया धमाका, बना 7वां सबसे बड़ा बाजार

रियल एस्टेट में भारत ने किया धमाका, बना 7वां सबसे बड़ा बाजार

भारत इस समय रियल एस्टेट और डेवलपमेंट साइट्स में निवेश के लिए दुनिया के सबसे आकर्षक स्थलों में से एक बन चुका है। कोलियर्स की ग्लोबल कैपिटल फ्लोस जून 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब वैश्विक स्तर पर सातवें नंबर पर पहुंच गया है, जहां सबसे अधिक निवेश हो रहा है।

Real Estate: भारत की रियल एस्टेट इंडस्ट्री अब वैश्विक स्तर पर एक नई ऊंचाई को छू रही है। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने दुनिया के टॉप 10 रियल एस्टेट निवेश स्थलों में खुद को स्थापित करते हुए 7वां स्थान हासिल किया है। यह रिपोर्ट कोलियर्स की ग्लोबल कैपिटल फ्लो जून 2025 रिपोर्ट में सामने आई है, जिसमें भारत की लगातार बढ़ती निवेश क्षमता और स्थिर रियल एस्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रमुख कारण माना गया है।

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत की दमदार उपस्थिति

भारत ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख देशों जैसे चीन, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया के साथ अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। खास बात यह है कि भारत इस क्षेत्र के उन सात गिने-चुने देशों में शामिल हो गया है, जो वैश्विक निवेशकों को सबसे अधिक आकर्षित कर रहे हैं।

तेजी से बढ़ता निवेश, बढ़ता विश्वास

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में वर्ष 2025 की पहली तिमाही में रियल एस्टेट क्षेत्र में 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 31 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि है। इस निवेश का 40 प्रतिशत हिस्सा अंतरराष्ट्रीय निवेशकों द्वारा किया गया, जो यह दर्शाता है कि भारत अब वैश्विक पूंजी के लिए एक भरोसेमंद गंतव्य बन चुका है।

निवेशकों के लिए भरोसेमंद साबित हुआ भारत

कोलियर्स इंडिया के सीईओ बादल याग्निक का मानना है कि भारत के रियल एस्टेट सेक्टर ने समय की कसौटी पर खरा उतरते हुए निवेशकों का विश्वास हासिल किया है। चाहे वह महामारी का दौर रहा हो या वैश्विक मंदी की आंशकाएं, भारत का रियल एस्टेट लगातार विकास के पथ पर बना रहा है।

विविध क्षेत्रों में निवेश की बहार

रिपोर्ट यह भी बताती है कि भारत में केवल ऑफिस स्पेस या कमर्शियल स्पेस ही नहीं, बल्कि रेजिडेंशियल, इंडस्ट्रियल, वेयरहाउसिंग, डेटा सेंटर और लाइफ साइंसेस जैसे क्षेत्रों में भी निवेश का दायरा तेजी से बढ़ा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अब विविध निवेश मॉडलों के लिए तैयार हो चुका है।

नीतिगत स्थिरता और इंफ्रास्ट्रक्चर का समर्थन

भारत सरकार की नीतिगत स्थिरता, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का विस्तार, बेहतर कनेक्टिविटी और सस्ती हाउसिंग विकल्पों ने भी इस वृद्धि में योगदान दिया है। साथ ही, टियर 2 और टियर 3 शहरों में भी जिस प्रकार से निवेश बढ़ा है, वह रियल एस्टेट की परंपरागत सीमाओं को तोड़ने वाला कदम है।

वित्तीय नीतियों से मिला गति

आरबीआई की नीतियां और बैंकों की ऋण उपलब्धता ने भी रियल एस्टेट को गति दी है। कम ब्याज दरों और आसान लोन प्रोसेसिंग से आम निवेशक भी इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।

देशभर में फैला निवेश का नेटवर्क

भारत के प्रमुख शहरों की बात करें तो मुंबई, दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहरी केंद्र आज भी निवेश के मुख्य आकर्षण बने हुए हैं। वहीं पुणे, अहमदाबाद, कोयंबटूर, भुवनेश्वर और इंदौर जैसे उभरते शहर भी निवेशकों के रडार पर हैं। इन शहरों में बेहतर लाइफस्टाइल, रोजगार के अवसर और संपत्ति की उपलब्धता ने निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित किया है।

चीन का दबदबा, लेकिन भारत की रफ्तार तेज

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि चीन का वैश्विक निवेश में अब भी सबसे बड़ा हिस्सा है, जहां कुल निवेश का 80 प्रतिशत केंद्रित है। हालांकि, भारत की वृद्धि दर और भविष्य की संभावनाएं इसे आने वाले वर्षों में शीर्ष तीन रियल एस्टेट बाजारों में ला सकती हैं।

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