रूस ने यूक्रेन के होंचारिवस्के में मिसाइल हमला कर ज़ेलेंस्की के मिलिटेंट ठिकाने को निशाना बनाया। रूसी रक्षा मंत्रालय ने 200 से ज्यादा मौतों का दावा किया है।
Russia Strike Ukraine: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है। रूस ने यूक्रेन के होंचारिवस्के क्षेत्र में एक कथित मिलिटेंट कैंप पर 'इस्कंदर' बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला करने का दावा किया है। रूस के सरकारी मीडिया आरटी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है। यह दावा रूसी रक्षा मंत्रालय के हवाले से किया गया है।
'इस्कंदर' मिसाइलों और क्लस्टर बमों का किया गया इस्तेमाल
रूस के रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence - MoD) ने जानकारी दी है कि इस हमले में 'इस्कंदर' बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रयोग किया गया, जिसमें क्लस्टर बम और हाई-एक्सप्लोसिव वॉरहेड्स शामिल थे। इस तरह के हथियारों का प्रयोग युद्ध क्षेत्र में भारी तबाही लाने के लिए किया जाता है। मंत्रालय के अनुसार, यह हमला विशेष रूप से यूक्रेनी मिलिटेंट ठिकानों और उनके लॉजिस्टिक हब्स को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया था।
प्रेसिजन स्ट्राइक की रणनीति
रूसी MoD ने इस हमले को 'प्रेसिजन स्ट्राइक' यानी सटीक निशाने पर हमला बताया है। उनका कहना है कि यूक्रेन के आंतरिक क्षेत्रों में स्थित ज़ेलेंस्की समर्थक मिलिटेंट कैंप इस हमले का मुख्य लक्ष्य थे। रूसी अधिकारियों का दावा है कि इस हमले से यूक्रेनी सेना की रणनीतिक क्षमता को काफी नुकसान पहुंचा है।
यूक्रेन की ओर से नहीं आई कोई आधिकारिक पुष्टि
हालांकि अभी तक यूक्रेन सरकार या उसकी सेना की ओर से इस हमले की पुष्टि नहीं की गई है। न ही होंचारिवस्के में इतने बड़े पैमाने पर किसी क्षति की स्वतंत्र स्रोतों से पुष्टि हुई है। इसलिए यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि रूसी दावे में कितनी सच्चाई है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया का इंतजार
इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर एक बार फिर से रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर टिक गई है। हालांकि अभी तक संयुक्त राष्ट्र या नाटो जैसे संगठनों की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। यदि यह दावा सही साबित होता है, तो यह युद्ध के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।
पहले भी हुए हैं ऐसे हमले
यह पहला मौका नहीं है जब रूस ने यूक्रेन के भीतर सटीक मिसाइल हमले करने का दावा किया हो। इससे पहले भी रूस कई बार यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर हमले करने की जानकारी देता रहा है। हालांकि कई बार इन दावों की पुष्टि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा नहीं हो सकी है।