बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो गया है। राज्य की 243 सीटों पर चुनाव दो चरणों में — 6 नवंबर और 11 नवंबर को आयोजित किए जाएंगे।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल गरमाता जा रहा है और राजनीतिक बयानबाजी चरम पर है। इस बीच, लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और जनशक्ति जनता दल (JJD) के अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई और राजद नेता तेजस्वी यादव पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। तेज प्रताप ने कहा, तेजस्वी अभी बच्चा है, चुनाव के बाद उसे झुनझुना पकड़ाएंगे।
यह बयान बिहार की राजनीति में नए विवाद की शुरुआत बन गया है, खासकर तब जब दोनों भाई इस बार आमने-सामने के मोर्चे पर हैं — एक ही चुनावी रण में, लेकिन अलग-अलग झंडे के नीचे।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: भाई बनाम भाई की जंग
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। राज्य की 243 सीटों पर मतदान 6 और 11 नवंबर 2025 को होगा। इस बार चुनाव का सबसे दिलचस्प मुकाबला यादव परिवार के अंदर ही देखने को मिल रहा है।
- तेज प्रताप यादव — महुआ विधानसभा सीट से अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) के टिकट पर मैदान में हैं।
- तेजस्वी यादव — राघोपुर विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के उम्मीदवार हैं।
दोनों ही सीटें राजनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और मिथिला-तिरहुत क्षेत्र में चुनावी माहौल को सीधे प्रभावित करती हैं।

तेजस्वी हमारे क्षेत्र में आए तो हम भी उनके क्षेत्र में जाएंगे” – तेज प्रताप
दरभंगा में जनसभा को संबोधित करते हुए तेज प्रताप यादव ने कहा, तेजस्वी अभी बच्चा है। चुनाव के बाद उसे झुनझुना पकड़ाएंगे। वो हमारे क्षेत्र में आए तो हम भी उनके क्षेत्र में चले गए। अब हम फिर राघोपुर जाएंगे। तेज प्रताप के इस बयान से साफ है कि वे अपने छोटे भाई के खिलाफ खुलकर मैदान में उतर चुके हैं और इस चुनाव को एक “परिवार बनाम विचारधारा” की लड़ाई के रूप में पेश कर रहे हैं।
राजनीतिक मतभेद और पारिवारिक विवाद के चलते लालू प्रसाद यादव ने कुछ समय पहले तेज प्रताप यादव को राजद (RJD) से बाहर कर दिया था। इसके बाद तेज प्रताप ने अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (Jan Shakti Janata Dal) की स्थापना की और बिहार में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला लिया।
तेज प्रताप ने अपने भाषण में कहा कि वे अब किसी परिवार के नहीं, बल्कि “जनता के उम्मीदवार” हैं। अब जनता ही मेरा परिवार है। हमने नई पार्टी इसलिए बनाई है ताकि बिहार में युवाओं, किसानों और गरीबों की आवाज बन सकें।”
तेज प्रताप बनाम तेजस्वी: सियासी प्रतिद्वंद्विता की पृष्ठभूमि
लालू यादव के दोनों बेटों के बीच सियासी खींचतान नई नहीं है। जहाँ तेजस्वी यादव को राजद का चेहरा और राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है, वहीं तेज प्रताप यादव खुद को पार्टी की आध्यात्मिक और जनवादी सोच” का असली प्रतिनिधि बताते रहे हैं। राजद से अलग होने के बाद तेज प्रताप ने तेजस्वी पर आरोप लगाया कि वे “पारिवारिक और संगठनात्मक लोकतंत्र खत्म कर रहे हैं”। उन्होंने कहा था कि “राजद अब परिवारवाद की राजनीति में फँस गई है, जबकि मैं जनता के बीच से नेतृत्व लाना चाहता हूँ।
महुआ विधानसभा सीट से तेज प्रताप यादव पहले भी विधायक रह चुके हैं। यह सीट यादव परिवार का पारंपरिक गढ़ रही है। वहीं, राघोपुर सीट तेजस्वी यादव का राजनीतिक किला मानी जाती है, जहाँ से उनके पिता लालू प्रसाद यादव भी कई बार चुनाव जीत चुके हैं। इस बार तेज प्रताप ने साफ संकेत दे दिया है कि वे राघोपुर जाकर प्रचार करेंगे, यानी भाई बनाम भाई की सीधी टक्कर से इन सीटों पर माहौल और भी गरमाने वाला है।












