भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने नागरिकों को रूसी सेना में शामिल होने से रोकने की चेतावनी दी। अधिकारियों ने सुरक्षा खतरों पर जोर दिया और प्रभावित नागरिकों के सुरक्षित लौटने के प्रयासों की जानकारी साझा की।
New Delhi: भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपने नागरिकों को रूसी सेना (Russian army) में शामिल होने से बचने की सख्त चेतावनी दी है। MEA के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पिछले एक साल में कई मौकों पर इस कार्रवाई के जोखिम और खतरों को रेखांकित किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी भारतीय नागरिक के लिए रूस में लड़ाई में शामिल होना खतरनाक और अवैध हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आई एडवाइजरी
हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि रूस की यात्रा करने वाले कुछ भारतीयों को यूक्रेन में लड़ाकू की भूमिका निभाने के लिए मजबूर किया गया। इन खबरों के बाद विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को सार्वजनिक रूप से आगाह किया। बयान में कहा गया कि भारतीय नागरिकों को किसी भी प्रकार के recruitment प्रयास या युद्ध गतिविधियों में शामिल होने से दूर रहना चाहिए।
विदेश मंत्रालय का आधिकारिक बयान
रणधीर जायसवाल ने अपने बयान में कहा कि हमने दिल्ली और मॉस्को दोनों जगह रूसी अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाया। मंत्रालय ने अनुरोध किया कि ऐसी प्रथाओं को रोका जाए और हमारे नागरिकों को सुरक्षित रिहा किया जाए। उन्होंने बताया कि प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों के संपर्क में भी मंत्रालय लगातार है। MEA ने एक बार फिर सभी नागरिकों से आग्रह किया कि रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी प्रस्ताव से दूर रहें क्योंकि यह उनके जीवन और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
रूसी सेना में शामिल भारतीयों की छुट्टी
खबरों के अनुसार, इस साल की शुरुआत में ही भारत सरकार की सक्रिय कोशिशों से रूसी सेना में शामिल कई भारतीय नागरिकों को छुट्टी दी गई। इनमें से कई नागरिक वापस भारत लौटने लगे हैं। अधिकारियों से अनुरोध किया गया कि शेष भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, भलाई और शीघ्र छुट्टी सुनिश्चित की जाए।
संभावित खतरों और जोखिम
विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूसी सेना में शामिल होने के गंभीर जोखिम हैं। इसमें जीवन का खतरा, युद्ध में घायल होने की संभावना, legal complications और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत गिरफ्तारी शामिल हैं। मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि कोई भी भारतीय नागरिक अपनी सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए किसी भी विदेशी सेना में शामिल न हो।
सरकार की सतत निगरानी
MEA ने बताया कि भारत सरकार लगातार इस मामले पर निगरानी रख रही है। रूसी अधिकारियों के साथ संपर्क, प्रभावित नागरिकों के परिवारों से जुड़ाव और strategic dialogue के माध्यम से भारत यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोई नागरिक खतरे में न रहे। मंत्रालय ने यह भी कहा कि किसी भी नए recruitment प्रयास के बारे में जानकारी मिलते ही तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
भारत-रूस द्विपक्षीय संवाद
विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि इस मुद्दे को लेकर भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संवाद लगातार जारी है। रूस से अनुरोध किया गया है कि भारतीय नागरिकों को लड़ाई में शामिल न किया जाए और उन्हें सुरक्षित रिहा किया जाए। यह कदम भारत की प्राथमिकता है कि उसके नागरिक विदेशों में किसी भी खतरनाक स्थिति का सामना न करें।