CBI ने SBI बैंक फ्रॉड केस में अनिल अंबानी के घर छापा मारा। अंबानी ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वे कानूनी प्रक्रिया में अपना बचाव करेंगे।
Anil Ambani Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा SBI बैंक फ्रॉड केस में छापेमारी के बाद उद्योगपति अनिल अंबानी सुर्खियों में हैं। अनिल अंबानी ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि वह कानूनी तरीके से खुद का बचाव करेंगे।
CBI की छापेमारी
21 अगस्त 2025 को CBI ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की शिकायत के आधार पर रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड (RCOM) और अनिल डी. अंबानी समेत कई अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश, ठगी और विश्वासघात जैसे गंभीर आरोपों में मामला दर्ज किया। इस शिकायत में दावा किया गया है कि आरोपियों ने बैंक से क्रेडिट सुविधाएं लीं और उनका गलत इस्तेमाल कर बैंक को करीब 2,929 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।
22 अगस्त को CBI ने विशेष न्यायाधीश, CBI, मुंबई से तलाशी वारंट प्राप्त किए और कंपनी के ऑफिस के साथ ही अनिल अंबानी के आवास पर तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई शनिवार दोपहर तक चली।
SBI की शिकायत और आरोपों की डिटेल
SBI की शिकायत में कहा गया है कि RCOM के लिए लिए गए लोन का गलत इस्तेमाल किया गया। आरोप है कि लोन की राशि को इंटर-कंपनी लोन ट्रांजेक्शन, सेल्स इनवॉइस फाइनेंसिंग, इंटर-कॉर्पोरेट डिपॉजिट और अन्य तरीकों से इधर-उधर किया गया।
इसके अलावा, रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड के जरिए बिल डिस्काउंटिंग, नेटिजन इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को कैपिटल एडवांस और काल्पनिक डेब्टर्स का निर्माण या राइट-ऑफ जैसे मामले भी सामने आए। शिकायत में कहा गया है कि इस पूरे घटनाक्रम से बैंक को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
अनिल अंबानी का जवाब – सभी आरोपों से इनकार
अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने साफ किया है कि यह मामला 10 साल से भी पुरानी घटनाओं से जुड़ा है और इसे पहले ही कई न्यायिक मंचों पर चुनौती दी जा चुकी है। प्रवक्ता के अनुसार, अनिल अंबानी उस समय कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक थे और उनका कंपनी के डेली मैनेजमेंट में कोई रोल नहीं था।
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि SBI ने पहले ही अन्य पांच गैर-कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई वापस ले ली थी, लेकिन अनिल अंबानी को अलग तरीके से टारगेट किया गया। उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी सभी आरोपों से सख्ती से इनकार करते हैं और कानूनी प्रक्रिया के तहत खुद का बचाव करेंगे।
NCLT और अन्य न्यायिक मंचों में मामला लंबित
रिलायंस कम्युनिकेशंस का प्रबंधन फिलहाल SBI के नेतृत्व वाले क्रेडिटर्स की कमिटी और रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की देखरेख में है। यह मामला पिछले छह साल से NCLT और हाई कोर्ट समेत कई न्यायिक मंचों पर लंबित है। प्रवक्ता ने कहा कि बैंक द्वारा की गई शिकायत पहले से ही इन मंचों पर चुनौती दी गई है, इसलिए CBI की यह कार्रवाई हैरान करने वाली है।
आगे की कार्रवाई
CBI ने तलाशी के दौरान कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त किया है। हालांकि, अभी तक किसी गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। जांच एजेंसी का कहना है कि बैंक से लिए गए लोन फंड का इस्तेमाल निर्धारित उद्देश्य से अलग करके किया गया, जिससे बैंक को वित्तीय नुकसान हुआ। अब CBI इन दस्तावेजों की जांच कर रही है और जल्द ही इस मामले में आगे की कार्रवाई हो सकती है।