मंगलवार को एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने क्रमशः मध्य पूर्व के लिए अपनी उड़ान सेवाएं दोबारा शुरू कर दी हैं। इसके साथ ही इराकी एयरस्पेस को भी नागरिक विमानों के लिए खोल दिया गया है, जिससे अब इस मार्ग पर फ्लाइट्स का संचालन फिर से सामान्य हो गया है। यह फैसला क्षेत्र में तनाव कम होने और सुरक्षा हालात में सुधार के बाद लिया गया।
पश्चिम एशिया में लंबे समय से जारी तनाव और हवाई क्षेत्र की बंदिशों के चलते बंद पड़ी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को लेकर अब यात्रियों को राहत मिली है। इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर के बाद अब कतर, इराक और अन्य क्षेत्रीय देशों ने अपने हवाई क्षेत्र दोबारा खोल दिए हैं। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय और घरेलू एयरलाइनों ने भी धीरे-धीरे अपनी सेवाएं बहाल करना शुरू कर दिया है। कतर एयरवेज, एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने मंगलवार से मध्य पूर्व के लिए उड़ान सेवाएं फिर शुरू कर दी हैं।
कतर एयरवेज ने की वैश्विक उड़ानों की बहाली की घोषणा
कतर की राष्ट्रीय एयरलाइन कतर एयरवेज ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी है कि वह 170 से अधिक अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए अपनी सेवाएं फिर से बहाल करने की प्रक्रिया में है। एयरलाइंस की टीमों ने हवाई क्षेत्र के खुलने के बाद यात्रियों को सहायता देने के लिए तैनाती शुरू कर दी है। कंपनी का कहना है कि वह सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देते हुए अपने संचालन को पूर्ण रूप से पुनः आरंभ करेगी।
इराकी एयरस्पेस फिर से खुला, रूट सामान्य होने की प्रक्रिया में
इराक के एयरस्पेस को फिर से खोला जाना एयरलाइनों और यात्रियों दोनों के लिए एक बड़ा राहत भरा कदम है। पिछले कुछ महीनों में पश्चिम एशिया में जारी सैन्य और राजनीतिक तनाव के कारण कई देशों ने अपने वायुमार्ग अस्थायी रूप से बंद कर दिए थे। इससे भारत सहित कई देशों की फ्लाइट्स या तो रद्द कर दी गई थीं या डायवर्ट कर दी गई थीं। अब जैसे ही इराक और अन्य क्षेत्रीय देशों ने अपने हवाई क्षेत्र को दोबारा खोल दिया है, उड़ानों का संचालन धीरे-धीरे सामान्य होने की दिशा में बढ़ रहा है।
एयर इंडिया ने फिर शुरू की मिडिल ईस्ट के लिए सेवाएं
एयर इंडिया ने मंगलवार को अपनी दिल्ली-दुबई सेवा को पुनः आरंभ किया। एयर इंडिया ने कहा है कि वह 25 जून से अधिकांश उड़ानों का संचालन फिर से शुरू कर रही है। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि यूरोप के लिए पहले रद्द की गई फ्लाइट्स को भी क्रमशः फिर से शुरू किया जा रहा है। अमेरिका और कनाडा के लिए सेवाएं भी जल्द बहाल की जाएंगी।
एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ऑपरेशन को धीरे-धीरे बहाल कर रही है। उन्होंने कहा कि एयरस्पेस के खुलने के साथ-साथ मार्गों की समीक्षा की जा रही है और उड़ानों को उसी के अनुसार प्लान किया गया है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस ने भी फिर शुरू की उड़ानें
मिडिल ईस्ट के सबसे बड़े एयरलाइन ऑपरेटर्स में से एक, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने भी मंगलवार से अपनी सेवाएं बहाल कर दी हैं। कंपनी ने जानकारी दी कि उसने दिल्ली-मस्कट, मुंबई-मस्कट, कोझीकोड-मस्कट, कोझीकोड-रियाद और जयपुर-जेद्दा रूट्स पर उड़ानें शुरू कर दी हैं। बुधवार से कंपनी दुबई, अबू धाबी, शारजाह, अल ऐन और रस अल खैमाह सहित अन्य प्रमुख शहरों के लिए भी उड़ानें शुरू कर रही है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस हर सप्ताह मध्य पूर्व के 13 शहरों के लिए लगभग 900 उड़ानें संचालित करती है। कंपनी के मुताबिक, यात्रियों की बुकिंग और इन्क्वायरी में वृद्धि देखी जा रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि क्षेत्र में यात्रा की मांग अब लौट रही है।
यात्रियों को मिली बड़ी राहत
पिछले कुछ हफ्तों में पश्चिम एशिया में जारी तनाव के चलते कई यात्रियों की योजनाएं बाधित हुई थीं। जिन लोगों ने मस्कट, दुबई या जेद्दा जैसे शहरों के लिए टिकट बुक किए थे, उन्हें या तो उड़ान रद्द होने की सूचना मिली या उन्हें लंबी दूरी वाले रूट से यात्रा करनी पड़ी। अब जब सेवाएं बहाल हो रही हैं, यात्रियों को ना सिर्फ सीधी उड़ानों का लाभ मिलेगा, बल्कि समय और खर्च दोनों की बचत होगी।
सीजफायर का असर और एयरलाइंस की रणनीति
विश्लेषकों के अनुसार, इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर से क्षेत्रीय स्थिरता में सुधार आया है। इस सीजफायर का सीधा असर एयरस्पेस की उपलब्धता पर पड़ा है, जिससे विमानन कंपनियों को अपने पूर्व निर्धारित मार्गों पर लौटने का मौका मिला है।
कई एयरलाइनों ने ऑपरेशन प्लानिंग, क्रू शेड्यूलिंग और सुरक्षा मूल्यांकन के साथ-साथ राजनयिक स्तर पर बातचीत भी तेज की है ताकि वे फिर से उड़ानों की बहाली सुनिश्चित कर सकें।
भविष्य की दिशा: सतर्कता और सहयोग दोनों जरूरी
हालांकि उड़ानों की बहाली एक सकारात्मक कदम है, लेकिन विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए सतर्कता बेहद आवश्यक है। किसी भी संभावित सुरक्षा जोखिम से बचने के लिए एयरलाइंस को स्थानीय अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ लगातार समन्वय करना होगा।
यात्रियों को भी सलाह दी जाती है कि वे अपनी यात्रा की योजना बनाते समय संबंधित एयरलाइन और डेस्टिनेशन कंट्री की ट्रैवल एडवाइजरी को ध्यान से पढ़ें।