मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री श्वेता मेनन ने एक संवेदनशील मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू की है। उन्होंने केरल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है।
Shwetha Menon: मलयालम सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री श्वेता मेनन एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह उनकी कोई फिल्म नहीं बल्कि एक कानूनी विवाद है। श्वेता मेनन ने हाल ही में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन पर अश्लीलता फैलाने, अश्लील विज्ञापन में भाग लेने और अमोरल ट्रैफिकिंग जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। अभिनेत्री ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह से झूठा और राजनीति से प्रेरित बताया है।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब मर्टिन मेनाचरी, जो कि न्यूजपेपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (केरल शाखा) के महासचिव हैं, ने श्वेता मेनन के खिलाफ एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। यह शिकायत बाद में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के माध्यम से पुलिस के पास भेजी गई, जिसके आधार पर एर्नाकुलम सेंट्रल पुलिस स्टेशन ने एक एफआईआर दर्ज की।
एफआईआर में श्वेता मेनन के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67A और अमोरल ट्रैफिक (प्रिवेंशन) अधिनियम, 1956 की धारा 3 और 5 के तहत केस दर्ज किया गया है।
श्वेता मेनन का पक्ष: याचिका में क्या कहा गया?
श्वेता मेनन ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोपों को पूरी तरह मनगढ़ंत और झूठा करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह शिकायत उनकी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचाने और राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से दायर की गई है। याचिका में उल्लेख किया गया है कि जिन फिल्मों को शिकायत का आधार बनाया गया है, जैसे:
- पलेरी माणिक्यम
- रथिनिर्वेधम
- कलिमन्नू
ये सभी फिल्में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से प्रमाणित हैं और कानूनी रूप से रिलीज की गई हैं। श्वेता ने यह भी साफ किया कि उन्होंने किसी भी प्रकार की पोर्नोग्राफिक वेबसाइट या अश्लील सामग्री के निर्माण या प्रचार में भाग नहीं लिया है।
राजनीतिक साजिश का आरोप
याचिका में यह भी खुलासा किया गया कि श्वेता मेनन ने हाल ही में मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (AMMA) के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया था। और इसी दौरान, नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि पर उनके खिलाफ यह शिकायत दर्ज कराई गई। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश बताया, जिससे उनकी प्रतिष्ठा धूमिल की जा सके और चुनावी दौड़ से बाहर किया जा सके।
श्वेता मेनन की याचिका पर केरल हाईकोर्ट के जस्टिस वी.जी. अरुण की अदालत में सुनवाई होगी। यह याचिका उनके वकीलों उनि सेबेस्टियन कपेन और एम. रेविकृष्णन द्वारा प्रस्तुत की गई है। अभिनेत्री को भरोसा है कि अदालत से उन्हें न्याय मिलेगा और उनके खिलाफ लगे झूठे आरोपों से मुक्ति मिलेगी।