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सिख समुदाय मामला: राहुल गांधी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को होगी सुनवाई

सिख समुदाय मामला: राहुल गांधी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को होगी सुनवाई

वाराणसी की एमपी/एमएलए अदालत के आदेश के खिलाफ कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की पुनरीक्षण याचिका पर बुधवार को न्यायमूर्ति समीर जैन की कोर्ट में सुनवाई होगी। सोमवार को इसी कोर्ट ने संक्षिप्त सुनवाई की थी और अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित कर दी थी।

प्रयागराज: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई होने जा रही है। यह याचिका वाराणसी की एमपी/एमएलए अदालत के आदेश के खिलाफ दायर की गई है, जिसमें अमेरिका में सिख समुदाय को लेकर दिए गए राहुल गांधी के बयान पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई थी।

मामला क्या है?

राहुल गांधी ने सितंबर 2024 में अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भारत में सिख समुदाय के लिए माहौल अच्छा नहीं है। उन्होंने अपने बयान में पूछा था कि क्या सिख पगड़ी पहन सकते हैं, कड़ा रख सकते हैं और गुरुद्वारे जा सकते हैं। उनके इस बयान को कुछ समूहों ने भड़काऊ और समाज में विभाजनकारी बताया।

इसके बाद वाराणसी निवासी नागेश्वर मिश्रा ने सारनाथ थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। उन्होंने इसके खिलाफ अदालत में परिवाद दाखिल किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) ने 28 नवंबर 2024 को यह कहते हुए मामला खारिज कर दिया कि मामला अमेरिका में दिए गए भाषण से संबंधित है और उनके क्षेत्राधिकार से बाहर है।

इसके बाद नागेश्वर मिश्रा ने सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दाखिल की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। इसके आदेश के खिलाफ राहुल गांधी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की है।

राहुल गांधी की दलील

राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी हाईकोर्ट में पेश होंगे। उन्होंने तर्क दिया कि वाराणसी अदालत का आदेश गलत, अवैध और अधिकार क्षेत्र से बाहर है। राहुल की दलील है कि जब तक यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है, तब तक वाराणसी की एमपी-एमएलए अदालत के आदेश पर रोक लगाई जाए।

सुनवाई न्यायमूर्ति समीर जैन करेंगे। सोमवार को इसी कोर्ट में संक्षिप्त सुनवाई हुई थी, जिसमें अगली सुनवाई की तारीख तय की गई। इस मामले में आपोजिट पार्टी की ओर से विद्वान अधिवक्ता सत्येंद्र कुमार त्रिपाठी और अमन सिंह विसेन उपस्थित रहे। राज्य की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल कोर्ट में मौजूद रहे।

इस मामले ने राजनीतिक और सामाजिक दोनों ही स्तरों पर सुर्खियां बटोरी हैं। राहुल गांधी के बयान और उस पर लगे विवाद ने देश में सिख समुदाय के अधिकारों और उनके सामाजिक माहौल पर बहस को फिर से जोर दिया है। कांग्रेस नेता का कहना है कि उनका बयान किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं था, बल्कि उन्होंने अमेरिका में मौजूद दर्शकों के सामने सिख समुदाय के अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर चिंता जताई थी।

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