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सोमवार को 'धड़क 2' की रफ्तार हुई धीमी धड़कन, दर्शकों ने दिखाई बेरुख़ी

सोमवार को 'धड़क 2' की रफ्तार हुई धीमी धड़कन, दर्शकों ने दिखाई बेरुख़ी

बॉलीवुड की नई पीढ़ी की जोड़ी सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी की फिल्म ‘धड़क 2’ रिलीज के महज चार दिन के भीतर ही दर्शकों के बीच अपनी पकड़ बनाने में संघर्ष करती नजर आ रही है। 

Dhadak 2 Box Office Collection Day 4: बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘धड़क 2’ अपने रिलीज के चौथे दिन ही बॉक्स ऑफिस पर हांफती नजर आ रही है। सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी जैसे युवा और प्रतिभाशाली कलाकारों की मौजूदगी के बावजूद फिल्म वो कमाल नहीं कर पाई जिसकी उम्मीद थी। खासकर सोमवार को फिल्म की कमाई में भारी गिरावट देखी गई, जिससे इसके भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं।

चौथे दिन की कमाई में जबरदस्त गिरावट

1 अगस्त को रिलीज हुई इस रोमांटिक ड्रामा ने पहले दिन 3.5 करोड़ रुपये की कमाई की थी। शनिवार को मामूली बढ़त के साथ यह आंकड़ा 3.75 करोड़ तक पहुंचा, लेकिन रविवार को फिल्म को 3.09 करोड़ रुपये तक सीमित रहना पड़ा। सोमवार यानी रिलीज के चौथे दिन फिल्म की कमाई में तीव्र गिरावट दर्ज की गई और यह महज 1.40 करोड़ रुपये ही जुटा सकी।

चार दिनों में 'धड़क 2' की कुल कमाई अब 12.80 करोड़ रुपये हो चुकी है, जो कि एक बड़े बैनर की फिल्म और युवा स्टारकास्ट के लिहाज से औसत से भी कम मानी जा रही है।

‘धड़क 2’ को पछाड़ गईं दूसरी फिल्में

‘धड़क 2’ का इस हफ्ते सीधा मुकाबला अजय देवगन की ‘सन ऑफ सरदार 2’ और लंबे समय से चल रही फिल्म ‘सैयारा’ से था। जहां ‘सन ऑफ सरदार 2’ ने सोमवार को भी 2.50 करोड़ रुपये की कमाई कर अपनी पकड़ बनाए रखी, वहीं ‘धड़क 2’ पीछे रह गई। इतना ही नहीं, 18 जुलाई को रिलीज हुई फिल्म ‘सैयारा’ भी अपने 18वें दिन 2.50 करोड़ रुपये कमाकर ‘धड़क 2’ से आगे निकल चुकी है। इसका साफ संकेत है कि दर्शकों की प्राथमिकता फिलहाल रोमांस या सामाजिक मुद्दों से अधिक मनोरंजन और इमोशनल कनेक्ट पर है।

‘धड़क 2’ की कहानी सामाजिक मुद्दे जाति व्यवस्था के इर्द-गिर्द बुनी गई है, जिसमें प्रेम कहानी को संवेदनशील तरीके से दिखाने की कोशिश की गई है। फिल्म का निर्देशन शाजिया इकबाल ने किया है और इसमें सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी के अलावा नासिर हुसैन, सौरभ सचदेवा और विपिन शर्मा जैसे मजबूत कलाकार शामिल हैं।

हालांकि विषय की गंभीरता के बावजूद, फिल्म दर्शकों को वह भावनात्मक जुड़ाव नहीं दे पाई जिसकी अपेक्षा की जा रही थी। फिल्म का ट्रीटमेंट कहीं न कहीं ठंडा महसूस होता है, जिससे युवाओं की रुचि फिल्म से छिटकती नजर आई।

कमजोर स्क्रीनप्ले और धीमी गति बनी कमजोरी

‘धड़क 2’ का सबसे बड़ा कमजोर पक्ष इसका स्क्रीनप्ले और नैरेशन स्टाइल है। फिल्म का आरंभ धीमा है और इसकी गति इंटरवल तक काफी सुस्त बनी रहती है। खासतौर पर मल्टीप्लेक्स के युवा दर्शक तेज गति और दमदार संवाद की अपेक्षा रखते हैं, जो फिल्म पूरी नहीं कर पाती। वहीं दूसरी ओर ‘सैयारा’ जैसे कंटेंट-ड्रिवन लेकिन एंटरटेनिंग फिल्मों ने दर्शकों के दिलों में जगह बना ली है, जो सीधे टिकट खिड़की पर उनकी सफलता में झलकता है।

पहली ‘धड़क’ फिल्म ने जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर के करियर को एक नई दिशा दी थी और बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थी। लेकिन ‘धड़क 2’, भले ही नाम में उसी ब्रांड को आगे बढ़ा रही हो, कंटेंट और कनेक्ट के मामले में कमजोर साबित हुई है।

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